नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के थाना एक्सप्रेसवे सेक्टर-135 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनवाये गये थाने के निर्माण के बाद से उसकी देखरेख का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण का है, लेकिन आज तक प्राधिकरण थाने के मेंटेनेंस की तरफ झांकने तक नहीं गया. जिसके चलते इमारत जर्जर होने के साथ ही एक्सप्रेस वे थाने के बेसमेंट में सीवर लीक होने के चलते महीनों से हर मौसम में घुटनों पानी जमा रहता है, जिसके चलते वहां पानी से बदबू आने लगती है.
मौसम बदलने के साथ ही डेंगू का प्रकोप भी शुरू हुआ है और बेसमेंट में हजारों की संख्या में मच्छर देखे जा सकते हैं. जिस के संबंध में थाना प्रभारी यतेंद्र कुमार द्वारा कई बार पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत पत्र दिया. साथ ही पानी की निकासी के लिए नोएडा प्राधिकरण को भी लिखित पत्र भेजा, लेकिन आज तक पुलिस विभाग से लेकर नोएडा प्राधिकरण के किसी भी अधिकारी द्वारा थाने के बेसमेंट में जमा पानी की सुध लेने नहीं गए. स्वास्थ विभाग भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते थाने पर तैनात पुलिसकर्मी डेंगू बीमारी को लेकर दहशत में हैं.
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बदलते मौसम में डेंगू के प्रकोप की रोकथाम के लिए नोएडा प्राधिकरण खुद को काफी सक्रिय साबित करने का प्रयास करने में लगा हुआ है. जहां पर भी गंदगी किसी के द्वारा फैलाई जा रही है उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहा है. जिसके तहत प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी के खिलाफ 25 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना किया गया. क्योंकि वहां पर प्राधिकरण को गंदगी देखने को मिली. प्राधिकरण का कहना है कि इस गंदगी से मक्खी और मच्छर आदि पैदा हो सकते हैं और बदबू फैल रही थी. डेंगू के मच्छर और बीमारी फैलने की आशंका को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है. वहीं उन्हें थाने पर महीनों से बेसमेंट में जमा गंदे पानी को देखने की जहमत आज तक प्राधिकरण द्वारा नहीं उठाई गई.
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एक्सप्रेसवे थाने के बेसमेंट में महीनों से घुटनों लगे गंदे पानी और प्राधिकरण से लेकर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों तक को लिखित दी गई. शिकायत के संबंध में थाने के थानाध्यक्ष यतेंद्र कुमार ने बताया कि लंबे समय से बेसमेंट में पानी जमा होने के चलते काफी संख्या में मच्छर उत्पन्न न हो गए हैं. वहीं अत्यधिक पानी होने के चलते थाने की दीवार और पिलर भी कमजोर होते जा रहे हैं. पानी की मात्रा अत्यधिक हो जाने पर मोटर लगाकर पानी निकलवाने का काम किया जाता है. पर पूरी तरीके से पानी कभी भी नहीं निकाला जा सका. इस संबंध में प्राधिकरण को कई बार पत्र लिखकर संज्ञान में दिया गया है, पर आज तक प्राधिकरण की तरफ से कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौका मुआयना करने नहीं आया.
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