नई दिल्ली/नोएडा: देश में 73 दिन तक चले लॉकडाउन के दौरान देखा जाए तो आम जनता भोजन और राशन के लिए दर-दर भटकती रही और हर तरफ हाहाकार मचा हुआ था. प्रशासन भी लोगों को राशन खाना देने के नाम पर हाय तौबा मचाया हुआ था. वहीं नोएडा के सेक्टर 94 स्थित श्रीजी गौशाला में रह रहे 400 गौवंसो का हाल यह रहा कि उन्हें पूरे लॉकडाउन के दौरान चारे की जरा भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. सभी बेजुबानों को पर्याप्त चारा मिला और उन्होंने उस चारे का मूल्य चुकाते हुए प्रतिदिन 400 लीटर से ज्यादा दूध गौशाला को दिया.
लॉकडाउन में पर्याप्त चारा खाए बेजुबान
नोएडा के सेक्टर 94 स्थित श्रीजी गौ सदन में करीब 400 से ज्यादा गोवंश रहते हैं. लॉकडाउन के दौरान हर तरफ इंसानों को खाने के लाले पड़े हुए थे और लोग राशन और खाना के साथ पुलिस की लाठियां भी खा रहे थे. वही गौशाला की स्थिति यह रही कि प्रतिदिन 3 से 4 टन हरा चारा गौतमबुद्ध नगर जिले के साथ गैर जनपदों और राज्यों से भी गौशाला में आया और गौशाला में पर्याप्त भूसे के साथ बेजुबानों ने भरपेट चारा खाया है.
चारे का मूल्य चुकाया बेजुबानो ने
श्रीजी गौ सदन के जरिए जहां 400 गोवंश को लॉकडाउन के दौरान पर्याप्त चारे की व्यवस्था की गई. वही बेजुबानों ने अपने चारे का पूरा मूल्य चुकाया. उन्होंने प्रतिदिन सुबह-शाम मिलाकर करीब 400 लीटर दूध दिया, जिसे गौ सदन ने विभिन्न सेक्टरों में बेचा.
गौशाला प्रशासन का कहना
लॉकडाउन के दौरान गौशाला में रह रही गायों और अन्य जानवरों के संबंध में जब गौशाला के मैनेजर ज्ञानेंद्र से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि गौवंसो की देखरेख के लिए जो भी कर्मचारी यहां रखे गए हैं सभी का आवास गौ सदन के अंदर है. वही हरे चारे के लिए कुछ लोगों को निर्धारित किया गया था, जो गौतमबुद्ध नगर जिले के बाहर के और दिल्ली से भी आते हैं. जिनकों प्रतिदिन हरा चारा देने का काम दिया गया है. वही लॉकडाउन के दौरान पर्याप्त भूसे की व्यवस्था किए जाने के चलते किसी प्रकार की चारे की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. वहीं गौशाले ने नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में स्ट्रीट जानवरों को भी हरा चारा देने का काम किया. उन्होंने बताया कि शुरू के 1 से 2 दिन तक हरे चारे की समस्या आई थी, जिसके बाद चारे की पर्याप्त व्यवस्था की गई और पूरे लॉकडाउन में किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.