नई दिल्ली/नोएडा: सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्विन टावर के ध्वस्त किए जाने का आदेश काफी समय पूर्व दिया जा चुका था पर तमाम रोड़ा आने के चलते एक-एक दिन आगे समय निकलता गया. लेकिन आज आखिरकार कोर्ट के सख्त निर्णय के बाद अब 28 अगस्त को भ्रष्टाचार से तैयार एनसीआर क्षेत्र का बहुमंजिला ट्विन टावर ध्वस्त कर दिया जाएगा. वहीं टावर को लेकर आम पब्लिक का मानना है कि यह लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है. क्योंकि जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई को जमा कर इस टावर में फ्लैट लेने का सपना देखा था वह सपना ट्विन टावर के ध्वस्त होने के साथ ही टूट जाएगा.
समाजसेवी आलोक सिंह ने ईटीवी भारत से ट्विन टावर ध्वस्त किये जाने के संबंध में बताया कि आज हम ट्विन टावर के पास अगर खड़े हैं तो मन में एक उत्सुकता लेकर कि यह टावर महज 2 दिनों में गिरा दिया जाएगा. इस टावर के आसपास से कई वर्षों से गुजरने के चलते टावर की शुरुआत से लेकर ध्वस्तीकरण के दिन को देखा जा रहा है. जिसके चलते कुछ हद तक इस ट्विन टावर से भावनाएं भी जुड़ गई. आज एक बार फिर देखने की जिज्ञासा आई है और हम इसे देखने आए है. उन्होंने कहा कि ट्विन टावर को लेकर दुख भी है उनके लिए जिन्होंने अपने सपनों को संजोया था यहां पर अपना आशियाना बनाने के लिए और उनका आशियाना ट्विन टावर के ध्वस्त होने के साथ ही सपने भी जमींदोष हो जाएंगे. जिनकी भावनाएं डूडी थी ट्विन टावर से उनकी भावनाएं थी ट्विन टावर के ध्वस्त होते ही उनकी भावनाएं भी जमींदोष हो जाएंगी. पर लोगों को कहीं ना कहीं सिस्टम से भले ही नाराजगी होगी पर न्यायपालिका पर विश्वास और मजबूत होगा.
ईटीवी भारत से बातचीत में आशीष शर्मा ने बताया कि ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण एक जीत भी है और एक हार भी है, जीत उनके लिए हैं जिन्होंने न्यायालय में ध्वस्त करने के लिए लड़ाई लड़ी, पर हार उनके लिए हैं जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई टावर में फ्लैट लेने के लिए लगा रखी थी. आशीष ने कहा कि बिल्डर की तरफ से काफी प्रयास देखा जाए तो किया कि ध्वस्तीकरण न किया जाए, पर गलत तरीके से बनाए गए ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश देकर न्यायालय ने यह साबित कर दिया कि आज भी गलत चीज किसी भी हाल में लीगल नहीं हो सकती है और लोगों का न्यायालय के प्रति और विश्वास जगह है.
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