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पोलैंड में नौकरी दिलाने के नाम पर ठग लिए 96 लाख रुपये

पीड़ित को खुद के ठगी का शिकार होने का तब पता लगा जब उसने एंबेसी में जाकर कंपनी के संबंध में जानकारी की. पीड़ित द्वारा इस संबंध में साइबर क्राइम में मुकदमा दर्ज कराया गया है. पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच करने की बात कह रही है. पीड़ित मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से लाखों की ठगी की गई है.

cyber fraud on name of job in noida
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Published : May 9, 2022, 10:51 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : साइबर अपराधों के मामले दिल्ली-NCR में तेजी से सामने आ रहे हैं. साइबर अपराध एक ऐसा अपराध बन गया है, जो लोगों को तब पता चलता है, जब वे उसके शिकार हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला नोएडा के साइबर क्राइम में सामने आया, जहां गाजियाबाद के रहने वाले एक शख्स के साथ साइबर ठगों ने 96 लाखों रुपये ठग लिए. पीड़ित को ठगों द्वारा पोलैंड में केमिकल फैक्ट्री में एक बड़े पैकेज पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की गई.

पीड़ित को खुद के ठगी का शिकार होने का तब पता लगा जब उसने एंबेसी में जाकर कंपनी के संबंध में जानकारी की. पीड़ित द्वारा इस संबंध में साइबर क्राइम में मुकदमा दर्ज कराया गया है. पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच करने की बात कह रही है. पीड़ित मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से लाखों की ठगी की गई है. तरुण चौहान गाजियाबाद में रहते हैं. तरुण चौहान ने साइबर क्राइम में शिकायत में बताया कि उसे विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा गया.

ठगों ने पोलैंड में एक केमिकल कंपनी में बड़े पैकेज पर नौकरी लगवाने का झांसा दिया. आरोपियों ने धीरे-धीरे करके 35 बार में इंजीनियर तरुण के खाते से 96 लाख रुपये ठग लिए. तरुण चौहान ने शिकायत में बताया कि नौकरी के लिए एक वेबसाइट पर अपना बायोडाटा कुछ महीने पहले अपलोड किया था. ठगों ने दिसंबर में पीड़ित से संपर्क किया था.

पीड़ित तरुण चौहान द्वारा तहरीर में बताया गया कि ठगों द्वारा ऑनलाइन इंटरव्यू भी लिया गया था. 9610 यूरो प्रतिमाह वेतन दिए जाने की बात कही गई थी. वहीं पीड़ित से वीजा, पासपोर्ट सत्यापन, सिक्योरिटी, मेडिकल सहित अन्य मामलों का झांसा देकर 96 लाख रुपये ठग लिया गया. पीड़ित द्वारा आरोपियों के कहने पर ऑनलाइन तरीके से बेंगलुरु, मुंबई, त्रिपुरा सहित लगभग आधा दर्जन बैंक खातों में रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे. पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर के बाद साइबर क्राइम द्वारा सभी खातों को फ्रीज कर मामले की जांच की जा रही है.

नई दिल्ली/नोएडा : साइबर अपराधों के मामले दिल्ली-NCR में तेजी से सामने आ रहे हैं. साइबर अपराध एक ऐसा अपराध बन गया है, जो लोगों को तब पता चलता है, जब वे उसके शिकार हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला नोएडा के साइबर क्राइम में सामने आया, जहां गाजियाबाद के रहने वाले एक शख्स के साथ साइबर ठगों ने 96 लाखों रुपये ठग लिए. पीड़ित को ठगों द्वारा पोलैंड में केमिकल फैक्ट्री में एक बड़े पैकेज पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की गई.

पीड़ित को खुद के ठगी का शिकार होने का तब पता लगा जब उसने एंबेसी में जाकर कंपनी के संबंध में जानकारी की. पीड़ित द्वारा इस संबंध में साइबर क्राइम में मुकदमा दर्ज कराया गया है. पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच करने की बात कह रही है. पीड़ित मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से लाखों की ठगी की गई है. तरुण चौहान गाजियाबाद में रहते हैं. तरुण चौहान ने साइबर क्राइम में शिकायत में बताया कि उसे विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा गया.

ठगों ने पोलैंड में एक केमिकल कंपनी में बड़े पैकेज पर नौकरी लगवाने का झांसा दिया. आरोपियों ने धीरे-धीरे करके 35 बार में इंजीनियर तरुण के खाते से 96 लाख रुपये ठग लिए. तरुण चौहान ने शिकायत में बताया कि नौकरी के लिए एक वेबसाइट पर अपना बायोडाटा कुछ महीने पहले अपलोड किया था. ठगों ने दिसंबर में पीड़ित से संपर्क किया था.

पीड़ित तरुण चौहान द्वारा तहरीर में बताया गया कि ठगों द्वारा ऑनलाइन इंटरव्यू भी लिया गया था. 9610 यूरो प्रतिमाह वेतन दिए जाने की बात कही गई थी. वहीं पीड़ित से वीजा, पासपोर्ट सत्यापन, सिक्योरिटी, मेडिकल सहित अन्य मामलों का झांसा देकर 96 लाख रुपये ठग लिया गया. पीड़ित द्वारा आरोपियों के कहने पर ऑनलाइन तरीके से बेंगलुरु, मुंबई, त्रिपुरा सहित लगभग आधा दर्जन बैंक खातों में रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे. पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर के बाद साइबर क्राइम द्वारा सभी खातों को फ्रीज कर मामले की जांच की जा रही है.

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