नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के बहुचर्चित टॉवर सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराइड कोर्ट में ट्विन टावर बनवाने में हुए भ्रष्टाचार में नियोजन व वर्क सर्किल में तैनात अधिकारियों की जांच कर रहे प्राधिकरण के एसीईओ प्रवीण मिश्र के दौरान जांच के घेरे में आए ग्यारह अधिकारी में से आठ अधिकारियों ने खुद को निर्दोष बताया है. अधिकारियों ने खुद को पाक साफ बताते हुए भ्रष्टाचार करने और भ्रष्टाचार की जानकारी होने से भी इनकार कर दिया है. जबकि, तीन अधिकारियों ने जवाब देने के लिए समय मांगा है. जांच की फाइनल रिपोर्ट एसीईओ के द्वारा जल्द सार्वजनिक की जाएगी.
ट्विन टावर मामले में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ट्विन टावर बनाने में भ्रष्टाचार होने का अंदेशा जताया था. इसके बाद यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया. SIT की रिपोर्ट में नोएडा प्राधिकरण में 2004 से 2012 कार्यरत रहे 24 अधिकारी-कर्मचारी और सुपरटेक प्रबंधक के पदाधिकारियों को आरोपी माना गया.
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर नोएडा प्राधिकरण ने लखनऊ स्थित विजिलेंस में संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर कराई थी. साथ ही आरोपी पाए गए अधिकारियों की विभागीय जांच के लिए करीब 6 महीने पहले अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी. इनमें विभागीय जांच में अथॉरिटी को ग्यारह आरोपी अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने की मंजूरी शासन से मिली थी. ऐसे में संबंधित अधिकारियों को जनवरी 22 में आरोप पत्र जारी कर आरोपी अधिकारियों के कई दस्तावेज प्राधिकरण से मांगे गए. सभी को दो सप्ताह में जवाब देना था पर अब करीब दो महीने बाद जवाब आना शुरू हुआ है, वो भी अभी पूरी तरीके से नही आया है.
विभागीय सूत्रों के अनुसार, इन आरोपी अधिकारियों ने जो अपने जवाब अथॉरिटी को दिया है उसमें ट्विन टावर बनवाने में हुई गड़बड़ियों से खुद को अंजान और निर्दोष बताया है. 10 से 20 पन्नों के अपने जवाब में अधिकारियों का कहना है कि सारी मंजूरी नियमों के तहत दी गई है. इसके लिए कुछ दस्तावेज भी इन अधिकारियों ने अटैच किये है. जिन अधिकारियों ने जवाब दाखिल किये है उनमें तत्कालीन प्लानिंग असिस्टेंट टीएन पटेल, नगर नियोजक अशोक कुमार मिश्र, सहायक प्रबंधक अनीता, ऋतुराज व्यास सीनियर मैनेजर प्लानिंग, प्रॉजेक्ट इंजीनियर बाबूराम, विमला सिंह तत्कालीन संयुक्त नगर नियोजक, एम सी त्यागी तत्कालीन प्रोजेक्ट इंजीनियर, मुकेश गोयल मैनेजर प्लानिंग शामिल हैं. इनमें ऋतुराज व्यास, विमला सिंह व मुकेश गोयल ने एक-एक आरोप पत्र पर जवाब देने का और समय मांगा है. तीन अधिकारियों ने जवाब ही नहीं दिए हैं. अब जांच कर रहे एसीईओ प्रवीण मिश्र इनके जवाबों की जांच कर रिपोर्ट को तैयार कर फाइनल रिपोर्ट देगे.
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