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कम्युनिटी रिपोर्टिंग: सेंचुरी अपार्टमेंट में 10 साल से बारात घर का इंतजार कर रहे निवासी

सेंचुरी अपार्टमेंट में लोगों की समस्याओं के बारे में जाना. इस दौरान सेक्टरवासियों ने प्रमुखता से समस्याएं बताते हुए कहा कि  सेंचुरी अपार्टमेंट में तकरीबन 400 परिवार रहते हैं. साल 2011 में नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट्स का आवंटन किया था, लेकिन पिछले 10 सालों से यहां बारात घर (कम्युनिटी सेंटर) नहीं है.

Community Reporting century apartment noida Residents waiting for community centre
कम्युनिटी रिपोर्टिंग
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Published : Nov 26, 2019, 8:16 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: कम्युनिटी रिपोर्टिंग की सीरीज में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा सेक्टर 100 सेंचुरी अपार्टमेंट में लोगों की समस्याओं के बारे में जाना. इस दौरान सेक्टरवासियों ने प्रमुखता से समस्याएं बताते हुए कहा कि सेंचुरी अपार्टमेंट में तकरीबन 400 परिवार रहते हैं. साल 2011 में नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट्स का आवंटन किया था, लेकिन पिछले 10 सालों से यहां बारात घर (कम्युनिटी सेंटर) नहीं है.

सेंचुरी अपार्टमेंट निवासी10 साल से कर रहे बारात घर का इंतजार

'नहीं है कोई मार्केट'
अपार्टमेंट के RWA अध्यक्ष पवन यादव ने बताया कि सेक्टर के आसपास कोई मार्केट नहीं है. सेक्टरवासियों को सामान खरीदने में काफी समस्या होती है. जो मार्केट है, वो सेक्टर से काफी दूर है, ऐसे में बाहर बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कोई सुविधा भी नहीं है, जिससे लोगों को काफी समस्या होती है.

'10 सालों से कर रहे बारात घर का इंतजार'
सेक्टर 100 आरडब्लूए कोषाध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने बताया कि सेक्टर में कम्युनिटी सेंटर नहीं है. बच्चों के कल्चरल एक्टिविटीज के लिए कोई जगह नहीं है. पिछले 10 वर्षों से इस संबंध में लगातार अथॉरिटी को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है.

'आवारा कुत्तों का आतंक'
सेक्टर वासियों ने बताया कि सोसायटी में आवारा कुत्तों का आतंक है, जिससे बच्चे और बुजुर्ग इन कुत्तों का निशाना बनते हैं. इसको लेकर प्राधिकरण में शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.

'खुले पड़े तार से जान का खतरा'
सेक्टरवासी राजेश त्यागी ने बताया कि सेक्टरों में कई जगह खुले तार पड़े हुए हैं, जिन से जान का खतरा भी बना हुआ है. लगातार इसको लेकर आरडब्लूए में शिकायत की गई है और बिजली विभाग में भी शिकायत की है, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ. ऐसे में उन्होंने अथॉरिटी से समस्या कि ओर ध्यान देने कि अपील की है.

'नहीं होती पुलिस गश्त'
सेक्टरवासी ने बताया कि सेक्टर में पुलिस गश्त बिल्कुल नहीं है. यहां पर लगातार घटनाएं होती रहती हैं. घटना होने के बाद कुछ दिन तक तो गश्त होती है. उसके बाद फिर वही हाल हो जाता है. कई बार संबंधित थानों में कहा गया है, लेकिन पेट्रोलिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती है.

नई दिल्ली/नोएडा: कम्युनिटी रिपोर्टिंग की सीरीज में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा सेक्टर 100 सेंचुरी अपार्टमेंट में लोगों की समस्याओं के बारे में जाना. इस दौरान सेक्टरवासियों ने प्रमुखता से समस्याएं बताते हुए कहा कि सेंचुरी अपार्टमेंट में तकरीबन 400 परिवार रहते हैं. साल 2011 में नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट्स का आवंटन किया था, लेकिन पिछले 10 सालों से यहां बारात घर (कम्युनिटी सेंटर) नहीं है.

सेंचुरी अपार्टमेंट निवासी10 साल से कर रहे बारात घर का इंतजार

'नहीं है कोई मार्केट'
अपार्टमेंट के RWA अध्यक्ष पवन यादव ने बताया कि सेक्टर के आसपास कोई मार्केट नहीं है. सेक्टरवासियों को सामान खरीदने में काफी समस्या होती है. जो मार्केट है, वो सेक्टर से काफी दूर है, ऐसे में बाहर बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कोई सुविधा भी नहीं है, जिससे लोगों को काफी समस्या होती है.

'10 सालों से कर रहे बारात घर का इंतजार'
सेक्टर 100 आरडब्लूए कोषाध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने बताया कि सेक्टर में कम्युनिटी सेंटर नहीं है. बच्चों के कल्चरल एक्टिविटीज के लिए कोई जगह नहीं है. पिछले 10 वर्षों से इस संबंध में लगातार अथॉरिटी को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है.

'आवारा कुत्तों का आतंक'
सेक्टर वासियों ने बताया कि सोसायटी में आवारा कुत्तों का आतंक है, जिससे बच्चे और बुजुर्ग इन कुत्तों का निशाना बनते हैं. इसको लेकर प्राधिकरण में शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.

'खुले पड़े तार से जान का खतरा'
सेक्टरवासी राजेश त्यागी ने बताया कि सेक्टरों में कई जगह खुले तार पड़े हुए हैं, जिन से जान का खतरा भी बना हुआ है. लगातार इसको लेकर आरडब्लूए में शिकायत की गई है और बिजली विभाग में भी शिकायत की है, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ. ऐसे में उन्होंने अथॉरिटी से समस्या कि ओर ध्यान देने कि अपील की है.

'नहीं होती पुलिस गश्त'
सेक्टरवासी ने बताया कि सेक्टर में पुलिस गश्त बिल्कुल नहीं है. यहां पर लगातार घटनाएं होती रहती हैं. घटना होने के बाद कुछ दिन तक तो गश्त होती है. उसके बाद फिर वही हाल हो जाता है. कई बार संबंधित थानों में कहा गया है, लेकिन पेट्रोलिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती है.

Intro:कम्युनिटी रिपोर्टिंग की सीरीज़ में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा सेक्टर 100 सेंचुरी अपार्टमेंट में लोगों की समस्याओं के बारे में जाना। सेक्टरवासियों ने प्रमुखता से समस्याएं बताई। सेंचुरी अपार्टमेंट में तकरीबन 400 परिवार रहते हैं, साल 2011 में नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट्स का आवंटन किया था लेकिन पिछले 10 सालों से यहां बारात घर (कम्युनिटी सेंटर)नहीं है और पेट्रोलिंग (पुलिस गश्त) को लेकर लोगों ने शिकायत की है।


Body:"नहीं है कोई मार्केट"
सेक्टर 100 सेंचुरी अपार्टमेंट के RWA अध्यक्ष पवन यादव ने बताया कि सेक्टर के आसपास कोई मार्केट नहीं है, सेक्टरवासियों को सामान खरीदने में काफी समस्या होती है। जो मार्केट है वो सेक्टर से काफी दूर है ऐसे में बाहर बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कोई सुविधा भी नहीं है जिससे लोगों को काफी समस्या होती है।


"10 सालों से कर रहे बारात घर का इंतज़ार"
सेक्टर 100 आरडब्लूए कोषाध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने बताया कि सेक्टर में कम्युनिटी सेंटर नहीं है। बच्चों के कल्चरल एक्टिविटीज के लिए कोई जगह नहीं है पिछले 10 वर्षों से लगातार अथॉरिटी को पत्र लिख रहे हैं लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है।


"आवारा कुत्तों का आतंक"
सेक्टर वासियों ने बताया कि सोसायटी में आवारा कुत्तों का आतंक। बच्चे और बुजुर्ग को आवारा कुत्ते निशाना बनाते हैं। इसको लेकर प्राधिकरण में शिकायत भी की गई है लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।


"खुले पड़े तार से जान का खतरा"
सेक्टरवासी राजेश त्यागी ने ने बताया कि सेक्टरों में कई जगह खुले तार पड़े हुए हैं जिन से जान का खतरा भी बना हुआ। लगातार इसको लेकर आरडब्लूए में शिकायत की गई है और बिजली विभाग में भी शिकायत की है लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है ऐसे में उन्होंने अथॉरिटी से समस्या कि ओर ध्यान देने कि अपील की है।


Conclusion:"नहीं होती पुलिस गश्त"
सेक्टर 100 सेंचुरी अपार्टमेंट के सेक्टरवासी ने बताया कि सेक्टर में पुलिस गश्त बिल्कुल नहीं है। यहां पर लगातार घटनाएं होती रहती हैं घटना होने के बाद कुछ दिन तक तो गश्त होती है उसके बाद फिर वही हाल हो जाता है। कई बार संबंधित थानों में कहा गया है लेकिन पेट्रोलिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है।
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