नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में काम कर रहे सैकड़ों की तादात में सफाई कर्मचारी तपती धूप में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रेटर नोएडा के जिला गौतमबुद्ध नगर में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने की थी. लेकिन यहां पर कार्यरत सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के प्रबंधकों ने इनको अब सैलरी नहीं दी और बिना किसी नोटिस के इनको नौकरी से निकाला गया है.
सोशल डिस्टेंस का रखा ध्यान
इतनी कड़ी धूप में ये गरीब सफाई कर्मचारियों सोशल डिस्टेनसिंग का पालन भी कर रहे हैं और मास्क भी लगा रखा है. सरकार के हर नियम को मानते हुए ये लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इनको लेकर सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही और ना ही जिले का कोई अधिकारी इनकी पीड़ा को समझ रहा है.
इन सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वह पिछले 10 वर्षों से अपनी सेवाएं इस विश्वविद्यालय के लिए दे रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय के प्रबंधकों ने बिना किसी नोटिस के उनको अचानक इस नौकरी से निकाला है. तपती धूप में यह सभी अपनी नौकरी की वापसी और वेतन को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रख कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं हालांकि इनके धरने प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय के प्रबंधकों से कोई जवाब नहीं मिला है.
महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन
इस धरने में सफाई कर्मचारियों में सिर्फ पुरुष ही नहीं महिला भी शामिल है जो कि अपने परिवार का पेट पाल रही है. लेकिन ऐसी महामारी में जहां काम के लिए लोग परेशान घूम रहे हैं. वहीं बिना किसी नोटिस के इन्हें निकाला गया है. ऐसे में ये लोग आखिर जाए तो जाए कहा ये सोचने वाली बात है फिलहाल इन सब प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक इनकी कोई नहीं सुनता और इनकी रोजी रोटी इन्हें नहीं मिलती ये सब यू ही इसी तपती धूप में आड़े खड़े रहेंगे.