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'योगी सरकार बढ़ी हुई दरें वापस लें, नहीं तो होगा अनिश्चितकालीन धरना' - yogi sarkar

बड़ी हुई बिजली की दरों को अगर वापस नहीं लिया गया तो अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठेंगे. ग्रमीण विकास समिति, सीटू और कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के खिलाफ 23 जुलाई के बाद धरने पर बैठेंगी.

कम्युनिस्ट पार्टी का धरना
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Published : Jul 18, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 7:22 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाए जाने को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुख्य अभियंता नोएडा को मेमोरेंडम सौंपा है.

कम्युनिस्ट पार्टी का धरना

बिजली दरों में भारी वृद्धि और बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने के लिए ये पत्र दिया गया है.

पूरे उत्तर प्रदेश में धरने का ऐलान
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने पूरे उत्तर प्रदेश में धरने का ऐलान किया. इसके बाद नोएडा के सेक्टर-16 में कम्युनिस्ट पार्टी ने वहां के विद्युत वितरण केंद्र में प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी भी की.

'बिजली का निजीकरण होना है समस्या'
CITU के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत नियामक बोर्ड को बिजली बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव भेजा है. इससे आम लोग और उद्योग प्रभावित होंगे.
योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए गंगेश्वर दत्त ने कहा कि बिजली के निजीकरण करने से ये समस्याएं आ रही हैं. सरकार सरकारी एजेंसियों से बिजली नहीं खरीद रही है.

गरीब व्यक्ति की पहुंच से दूर बिजली
बिजली की दरों में बढ़ोतरी से गरीब व्यक्ति परेशान होगा. उन्होंने कहा है कि योगी सरकार ने 25% से लेकर 109% तक की बढ़ोतरी की बात कही है.

'अनिश्चितकाल के लिए धरना'
बड़ी हुई बिजली की दरों को अगर वापस नहीं लिया गया तो अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठेंगे. ग्रमीण विकास समिति, सीटू और कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के खिलाफ 23 जुलाई के बाद धरने पर बैठेंगी.

आपको बता दें, प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना में देश के कोने कोने तक बिजली पहुंचाने की बात कही गई थी.

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाए जाने को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुख्य अभियंता नोएडा को मेमोरेंडम सौंपा है.

कम्युनिस्ट पार्टी का धरना

बिजली दरों में भारी वृद्धि और बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने के लिए ये पत्र दिया गया है.

पूरे उत्तर प्रदेश में धरने का ऐलान
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने पूरे उत्तर प्रदेश में धरने का ऐलान किया. इसके बाद नोएडा के सेक्टर-16 में कम्युनिस्ट पार्टी ने वहां के विद्युत वितरण केंद्र में प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी भी की.

'बिजली का निजीकरण होना है समस्या'
CITU के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत नियामक बोर्ड को बिजली बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव भेजा है. इससे आम लोग और उद्योग प्रभावित होंगे.
योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए गंगेश्वर दत्त ने कहा कि बिजली के निजीकरण करने से ये समस्याएं आ रही हैं. सरकार सरकारी एजेंसियों से बिजली नहीं खरीद रही है.

गरीब व्यक्ति की पहुंच से दूर बिजली
बिजली की दरों में बढ़ोतरी से गरीब व्यक्ति परेशान होगा. उन्होंने कहा है कि योगी सरकार ने 25% से लेकर 109% तक की बढ़ोतरी की बात कही है.

'अनिश्चितकाल के लिए धरना'
बड़ी हुई बिजली की दरों को अगर वापस नहीं लिया गया तो अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठेंगे. ग्रमीण विकास समिति, सीटू और कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के खिलाफ 23 जुलाई के बाद धरने पर बैठेंगी.

आपको बता दें, प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना में देश के कोने कोने तक बिजली पहुंचाने की बात कही गई थी.

Intro:उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाए जाने को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम मुख्य अभियंता नोएडा को ज्ञापन सौंपा है। बिजली दरों में भारी वृद्धि और बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने के लिए ज्ञापन पत्र दिया गया है।


Body:भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने पूरे उत्तर प्रदेश में धरने का ऐलान किया। जिसके क्रम में नोएडा के सेक्टर 16 में कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी नोएडा सेक्टर 16 के विद्युत वितरण केंद्र में प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।

CITU के अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत नियामक बोर्ड ने बिजली बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव भेजा है। आम लोग और उद्योग प्रभावित होंगे। ऐसे में गरीब व्यकि की पहुंच से दूर हो रही है बिजली। उन्होंने कहा है कि योगी सरकार ने 25% से लेकर 109% तक की बढ़ोतरी की बात कही है। योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बिजली के निजीकरण करने से ये समस्याएं आ रही है। सरकार सरकारी एजेंसियों से बिजली नहीं खरीद रही है।


Conclusion:बड़ी हुई बिजली की दरों को अगर वापस नहीं लिया गया तो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। ग्रमीण विकास समिति, सीटू और कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के खिलाफ 23 जुलाई के बाद धरने पर बैठेंगी।
Last Updated : Jul 18, 2019, 7:22 PM IST
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