नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: हाथरस में हुई घटना के संबंध में गुरुवार को प्रियंका गांधी और राहुल गांधी अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ डीएनडी से होते हुए कार का काफिला लेकर जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने डीएनडी पर रोकने का प्रयास किया. जिसके बाद जब काफिला नहीं रुका और अंत में यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर पुलिस ने बल प्रयोग कर काफिले को रोक दिया.
इस दौरान धारा 144 और कोविड-19 महामारी का उल्लंघन किए जाने के आरोप में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को हिरासत में ले लिया गया और विधिक कार्रवाई के बाद छोड़ा गया. वहीं अन्य लोगों के विरोध करने के बाद दोनों नेताओं के खिलाफ जहां मामला दर्ज हुआ वहीं 200 पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. फिलहाल मामले की जांच पुलिस कर रही है. साथ ही कड़ी सुरक्षा के साथ नोएडा पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ओखला के रास्ते दिल्ली वापस भेज दिया.
मीडिया सेल ने दी जानकारी
मीडिया सेल से दी गई जानकारी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा अपने करीब 200 कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के साथ हाथरस जाने के क्रम में डीएनडी के रास्ते नोएडा में प्रवेश किया गया, जिसमें लगभग 50 गाड़ियां भी काफिले में शामिल थी. उस काफिले में शामिल सभी लोगों को जनपद में धारा 144 लागू होने, कोविड-19 की स्थिति से पुलिस द्वारा अवगत काराते हुये आगे नहीं जाने का अनुरोध किया गया, लेकिन काफिले में शामिल सभी कार्यकर्ता और गाड़ियां यातायात के नियमों का उल्लघंन करते हुए और आम जनता के लिए यातायात में व्यवधान उत्पन्न करतें हुए तेजी से यमुना एक्सप्रेस वे की तरफ जाने लगे.
नोएडा एक्सप्रेस वे पर काफिले में शामिल दो गाड़ियों में भिडंत भी हो गई.जिसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वांइट पर काफिले को रोकने का प्रयास किया गया. जहां पर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा पुलिस के साथ हाथापाई व धक्का मुक्की की गई. राहुल गांधी व प्रियंका गांधी दोनों यमुना एक्सप्रेस वे पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलने लगे जिससे एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ भयंकर जाम की स्थिति पैदा हो गई. जिसमें कई एम्बुलेंस भी फंसी हुई थी.
पुलिस अधिकारियों के कई अनुरोध के बाद हुई कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बाद भी राहुल गांधी व प्रियंका गांधी नियमों का उल्लघंन करते हुए आगे बढ़ते गए. कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद राहुल गांधी व सभी कार्यकर्ता विपरीत दिशा में चलते हुये यातायात को पूरी तरह से रोक दिया. अधिकारियों द्वारा राहुल गांधी से अनुरोध किया गया कि आपके व आपके कार्यकर्ताओं के चलते यातायात के साथ-साथ जान माल के नुकसान होने का भी खतरा है.
इसपर भी राहुल गांधी व उनकी पार्टी के लोग नहीं माने तथा जब पुलिस द्वारा रोकने का प्रयास किया गया तब पुलिस के साथ धक्का मुक्की व गाली गलौच की गई. बार बार अनुरोध करने पर नहीं मानने पर भी अवगत कराया गया कि जनपद में धारा 144 लागू है और बिना अनुमति के एक्सप्रेस वे पर इतनी संख्या में, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे और काफी लोग मास्क भी नहीं लगाए थे, आगे नहीं जाने दिया जाएगा. लेकिन यह लोग जबरन जाने की कोशिश करने लगे. लिहाजा इनको यह बताते हुए कि आप लोगों के द्वारा धारा 144 का उल्लंघन किया जा रहा है और यह भी बताया गया कि डीएम हाथरस का पत्र भी हम लोगों के पास है जिसमें उनके द्वारा यह अनुरोध किया गया है कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति हाथरस न पहुंचने पाए क्योंकि वहां लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है.
दोनों नेताओं सहित 200 पर दर्ज मुकदमा
अंत में पुलिस द्वारा इनको धारा 188, 269, 270 आईपीसी और महामारी एक्ट में अरेस्ट किया गया और फिर इनको बाद में विधि अनुसार रिहा किया गया है. इस संबंध में थाना इकोटेक पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित 153 नामजद एवं 50 अन्य लोगों के विरुद्ध अपराध धारा 188, 269, 270 आईपीसी व 3 महामारी एक्ट पंजीकृत किया गया है.
'पुलिस के साथ की गई अभद्रता'
राहूल गांधी और प्रियंका गांधी को जब पुलिस द्वारा अरेस्ट किया गया तो प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू, मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र उर्फ गुड्डू और जिला अध्यक्ष कांग्रेस मनोज चैधरी सहित 50 कार्यकर्ताओं द्वारा थानाध्यक्ष बीटा 2 की गाड़ी को क्षति पहुंचाई गई. साथ ही पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करते हुए उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी जिसमें महिला सब इंस्पेक्टर व महिला कांस्टेबल भी शामिल थी, उन्हें चोट भी आई और महिला सब इंस्पेक्टर की वर्दी तक फाड़ दी गई. इस संबंध में अलग से एक अभियोग अपराध धारा 332, 353, 427, 323, 354 ख, 147, 148 आईपीसी के तहत मामला पंजीकृत किया जा रहा है.