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चिल्ला बॉर्डर: किसानों ने की परेड रिहर्सल, भूतपूर्व सैनिक ने दी ट्रेनिंग

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Published : Jan 19, 2021, 10:27 PM IST

चिल्ला बॉर्डर पर किसान प्रोटेस्ट के आज 50 दिन पूरे हो गए हैं. मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने नए कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर से नोएडा गेट तक परेड रिहर्सल की. इस दौरान आगरा से आए एक भूतपूर्व सैनिक ने किसानों को रिहर्सल की ट्रेनिंग दी.

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नई दिल्ली/नोएडा: नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने चिल्ला बॉर्डर से नोएडा गेट तक परेड रिहर्सल की. इस परेड में पुरुषों के साथ ही महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आपको बता दें कि किसानों को परेड करने की ट्रेनिंग आगरा से आए एक भूतपूर्व सैनिक ने दी. चिल्ला बॉर्डर पर किसान प्रोटेस्ट को आज हाफ सेंचुरी यानी पूरे 50 दिन पूरे हो गए हैं.

'किसानों को शासन, प्रशासन और सरकार से लड़ने की दे रहे ट्रेनिंग'
भूतपूर्व सैनिक ने किसानों को दी परेड की ट्रेनिंग

आगरा से आए एक भूतपूर्व सैनिक रामनाथ सिंह ने आगामी 26 जनवरी को किसानों द्वारा परेड और ट्रेक्टर रैली किये जाने की रणनीति को आगे बढ़ाते हुए चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों (महिला और पुरुष) को पंक्तिबद करके परेड की रिहर्सल करवाई. रामनाथ सिंह ने सभी किसानों को परेड करने की ट्रेनिंग दी. उनका कहना था कि वह रोजाना चिल्ला बॉर्डर पर किसानों को परेड सिखाने का काम करेंगे और किसानों के हक की लड़ाई के लिए उनके साथ खड़े रहेंगे.


'किसानों को बल प्रयोग से बचने की दे रहे ट्रनिंग'

भूतपूर्व सैनिक रामनाथ सिंह का कहना है कि वो आर्मी में टेक्नीशियन के पद पर तैनात थे और वहां से वो रिटायर्ड हुए हैं. किसानों के धरना-प्रदर्शन को देखते हुए वो उनका समर्थन करने के लिए आगरा से चिल्ला बॉर्डर पहुंचे. रामनाथ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 26 जनवरी को जब किसान ट्रैक्टर रैली करने दिल्ली कूच करेंगे. ऐसे में अगर पुलिस विभाग द्वारा उनके ऊपर किसी तरह का बल प्रयोग किया गया तो किसान उस बल प्रयोग से किस तरह से बचेंगे, इसकी भी उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है. पुलिस आंसू गैस से लेकर वाटर कैनन का प्रयोग करें या फिर रबड़ की गोलियां चलाए. किसान उससे कैसे बचें, हम इसकी पूरी ट्रेनिंग उन्हें दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमें आर्मी में दुश्मन से लड़ने की ट्रेनिंग मिली है. उसी तरह हम किसानों को शासन, प्रशासन और सरकार से लड़ने की ट्रेनिंग दे रहे हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने चिल्ला बॉर्डर से नोएडा गेट तक परेड रिहर्सल की. इस परेड में पुरुषों के साथ ही महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आपको बता दें कि किसानों को परेड करने की ट्रेनिंग आगरा से आए एक भूतपूर्व सैनिक ने दी. चिल्ला बॉर्डर पर किसान प्रोटेस्ट को आज हाफ सेंचुरी यानी पूरे 50 दिन पूरे हो गए हैं.

'किसानों को शासन, प्रशासन और सरकार से लड़ने की दे रहे ट्रेनिंग'
भूतपूर्व सैनिक ने किसानों को दी परेड की ट्रेनिंग

आगरा से आए एक भूतपूर्व सैनिक रामनाथ सिंह ने आगामी 26 जनवरी को किसानों द्वारा परेड और ट्रेक्टर रैली किये जाने की रणनीति को आगे बढ़ाते हुए चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों (महिला और पुरुष) को पंक्तिबद करके परेड की रिहर्सल करवाई. रामनाथ सिंह ने सभी किसानों को परेड करने की ट्रेनिंग दी. उनका कहना था कि वह रोजाना चिल्ला बॉर्डर पर किसानों को परेड सिखाने का काम करेंगे और किसानों के हक की लड़ाई के लिए उनके साथ खड़े रहेंगे.


'किसानों को बल प्रयोग से बचने की दे रहे ट्रनिंग'

भूतपूर्व सैनिक रामनाथ सिंह का कहना है कि वो आर्मी में टेक्नीशियन के पद पर तैनात थे और वहां से वो रिटायर्ड हुए हैं. किसानों के धरना-प्रदर्शन को देखते हुए वो उनका समर्थन करने के लिए आगरा से चिल्ला बॉर्डर पहुंचे. रामनाथ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 26 जनवरी को जब किसान ट्रैक्टर रैली करने दिल्ली कूच करेंगे. ऐसे में अगर पुलिस विभाग द्वारा उनके ऊपर किसी तरह का बल प्रयोग किया गया तो किसान उस बल प्रयोग से किस तरह से बचेंगे, इसकी भी उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है. पुलिस आंसू गैस से लेकर वाटर कैनन का प्रयोग करें या फिर रबड़ की गोलियां चलाए. किसान उससे कैसे बचें, हम इसकी पूरी ट्रेनिंग उन्हें दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमें आर्मी में दुश्मन से लड़ने की ट्रेनिंग मिली है. उसी तरह हम किसानों को शासन, प्रशासन और सरकार से लड़ने की ट्रेनिंग दे रहे हैं.

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