नई दिल्ली/नोएडा : जिलाधिकारी कार्यालय पर आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. कोरोना काल से मानदेय न मिलने पर महिला कार्यकर्ता पिछले एक साल से लगातार मानदेय की मांग कर रही है, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांगों को लेकर एडीएम वंदिता श्रीवास्तव को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. अधिकारियों ने उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है.
सूरजपुर स्थित जिला कलेक्ट्रेट पर गुरुवार को सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने जमकर हल्ला बोला. प्रदर्शन कर रही आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता मझिला सिंह ने बताया कि आंगनवाड़ी से जुड़ी महिलाएं दो से तीन केंद्र संभाल रही हैं और सरकार तनख्वाह छह हजार दे रही है. उन्होंने बताया कि हमारी मांग है कि सरकार हमारी तनख्वाह बढ़ाएं.
महिला आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के जिला प्रभारी एसएस निमेष ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने कोविड सहित अन्य बीमारियों में भागीदारी निभाई. लेकिन उन कार्यों के मानदेय का आज तक भुगतान नहीं हुआ है. पिछले एक साल से ये लोग इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है. इसकी वजह से सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता परेशान हैं. उन्होंने मांग कि है कि पोषाहार आगनवाड़ी केंद्रों पर ही पहुंचाया जाए.
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आंगनवाड़ी मझिला सिंह ने बताया कि पोषाहार सेंटर पर नहीं दिया जाता है. उसके लिए अपना खुद का किराया लगाकर काफी दूर गोदाम पर जाना पड़ता है. साथ ही महिलाओं को 40 से 50 किलो वजन खुद उठाना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि पोषहार सेंटर पर आना चाहिए, जिससे की हमें उसे लाने में कोई परेशानी न हो. पोषहार समय पर गोदाम से आंगनवाड़ी केंद्रों पर पहुंचना चाहिए, ताकि वो खराब न हो. पोषाहार देरी से मिलने पर सड़ जाता है और उसके बाद उसे फेंकना पड़ता है.
प्रदर्शन के दौरान आंगनवाड़ियों ने कहा कि पिछले एक वर्ष से लगातार ज्ञापन और शिकायत दी जा रही है, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने चेतवानी दी है कि अगर सरकार 15 सितंबर से पहले उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे.