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सरजीत को 13 साल बाद मिली आशियाने की जमीन - ईटीवी भारत न्यूज

सरजीत कुमार को 13 साल के लंबे इंतजार के बाद सीईओ सुरेन्द्र सिंह की मदद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपना आशियाना बनाने के लिए जमीन मिल गई है. जिससे खुश होकर सरजीत ने बृहस्पतिवार को प्राधिकरण के दफ्तर में सीईओ सुरेन्द्र सिंह से मुलाकात की और मदद के लिए आभार जताया.

सरजीत को 13 साल बाद मिली आशियाने की जमीन
सरजीत को 13 साल बाद मिली आशियाने की जमीन
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Published : Aug 19, 2022, 8:52 PM IST

ग्रेटर नोएडा: गाजियाबाद के रहने वाले सरजीत कुमार Allotment land to Sarjeet in Noida को 13 साल के लंबे इंतजार के बाद सीईओ सुरेन्द्र सिंह की मदद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपना आशियाना बनाने के लिए जमीन मिल गई है. जिस के बाद सरजीत ने सीईओ का आभार जताया है.

दरअसल सरजीत कुमार के पिता टुकी राम ने 2009 की आवासीय भूखंड योजना में आवेदन किया था. जिसके बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर दो में उनके नाम से 220 वर्ग मीटर का एक प्लॉट निकला था. प्लॉट का भुगतान किस्तों पर करना था. सरजीत के पिता किस्तों का भुगतान करने लगे थे, तभी अचानक 2014 में उनका ब्रेन हैम्रेज हो गया, जिससे कुछ किस्तें बकाया रह गईं.

बीमारी के दौरान टुकीराम ने सरजीत को प्लॉट के बारे में कुछ नहीं बताया. उस समय वह दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे, जब उनके पिता ठीक हुए तो उन्होंने सरजीत को इस प्लॉट के बारे में जानकारी दी. इसके बाद उसने प्राधिकरण से संपर्क कर बकाया रकम की जानकारी ली और 2015 में पूरा भुगतान कर दिया. इसके बाद प्लॉट की लीज डीड कराने के लिए प्राधिकरण में लीज प्लान उपलब्ध कराने को आवेदन किया.

इसे भी पढ़ें:ग्रेनो प्राधिकरण ने मॉल, स्कूल और सोसाइटी पर 5.28 लाख का लगाया जुर्माना, जानिए वजह

इस बीच जमीन के कुछ हिस्से पर विवाद हुआ और मामला कोर्ट में चला गया. इस दौरान सरजीत को पारिवारिक कष्ट से भी गुजरना पड़ा. 2016 में बड़े भाई की मृत्यु हो गई तो 2018 में पिता का देहांत हो गया और 2019 में मां की भी मृत्यु हो गई. सरजीत ने पिता की मृत्यु के बाद 2018 में इस प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया. इस पर प्राधिकरण की तरफ से वारिसान लाने को कहा गया. सरजीत ने एसडीएम से वारिसान बनवाकर प्राधिकरण में जमा कराया.

इसके बाद प्राधिकरण की तरफ से बताया गया कि प्लॉट का लीज प्लान जारी नहीं हुआ है. रजिस्ट्री समय से न कराने के कारण 3.40 लाख रुपए का विलंब शुल्क जमा करना होगा. जबकि सरजीत का दावा था कि उन्होंने प्लॉट का पूरा भुगतान कर दिया है.

प्लॉट आवंटन, रजिस्ट्री न हो पाने से परेशान सरजीत ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह से मिलकर आप बीती सुनाई. सीईओ के निर्देश पर इस प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेजों का मिलान किया गया, जिसमें आवंटी की कोई गलती न होने कारण विलंब शुल्क माफ कर दिया गया. करीब 20 दिन पहले सरजीत के नाम प्लॉट की रजिस्ट्री हो गई.

प्लॉट रजिस्ट्री होने के बाद सरजीत ने सीईओ सुरेन्द्र सिंह से बृहस्पतिवार को प्राधिकरण के दफ्तर में मिलकर मदद के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि सीईओ की वजह से उनको ग्रेटर नोएडा में अपना घर बनाने के लिए जमीन मिल सकी है. अब उनका ग्रेटर नोएडा में रहने का सपना पूरा हो सकेगा.

ग्रेटर नोएडा: गाजियाबाद के रहने वाले सरजीत कुमार Allotment land to Sarjeet in Noida को 13 साल के लंबे इंतजार के बाद सीईओ सुरेन्द्र सिंह की मदद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपना आशियाना बनाने के लिए जमीन मिल गई है. जिस के बाद सरजीत ने सीईओ का आभार जताया है.

दरअसल सरजीत कुमार के पिता टुकी राम ने 2009 की आवासीय भूखंड योजना में आवेदन किया था. जिसके बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर दो में उनके नाम से 220 वर्ग मीटर का एक प्लॉट निकला था. प्लॉट का भुगतान किस्तों पर करना था. सरजीत के पिता किस्तों का भुगतान करने लगे थे, तभी अचानक 2014 में उनका ब्रेन हैम्रेज हो गया, जिससे कुछ किस्तें बकाया रह गईं.

बीमारी के दौरान टुकीराम ने सरजीत को प्लॉट के बारे में कुछ नहीं बताया. उस समय वह दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे, जब उनके पिता ठीक हुए तो उन्होंने सरजीत को इस प्लॉट के बारे में जानकारी दी. इसके बाद उसने प्राधिकरण से संपर्क कर बकाया रकम की जानकारी ली और 2015 में पूरा भुगतान कर दिया. इसके बाद प्लॉट की लीज डीड कराने के लिए प्राधिकरण में लीज प्लान उपलब्ध कराने को आवेदन किया.

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इस बीच जमीन के कुछ हिस्से पर विवाद हुआ और मामला कोर्ट में चला गया. इस दौरान सरजीत को पारिवारिक कष्ट से भी गुजरना पड़ा. 2016 में बड़े भाई की मृत्यु हो गई तो 2018 में पिता का देहांत हो गया और 2019 में मां की भी मृत्यु हो गई. सरजीत ने पिता की मृत्यु के बाद 2018 में इस प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया. इस पर प्राधिकरण की तरफ से वारिसान लाने को कहा गया. सरजीत ने एसडीएम से वारिसान बनवाकर प्राधिकरण में जमा कराया.

इसके बाद प्राधिकरण की तरफ से बताया गया कि प्लॉट का लीज प्लान जारी नहीं हुआ है. रजिस्ट्री समय से न कराने के कारण 3.40 लाख रुपए का विलंब शुल्क जमा करना होगा. जबकि सरजीत का दावा था कि उन्होंने प्लॉट का पूरा भुगतान कर दिया है.

प्लॉट आवंटन, रजिस्ट्री न हो पाने से परेशान सरजीत ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह से मिलकर आप बीती सुनाई. सीईओ के निर्देश पर इस प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेजों का मिलान किया गया, जिसमें आवंटी की कोई गलती न होने कारण विलंब शुल्क माफ कर दिया गया. करीब 20 दिन पहले सरजीत के नाम प्लॉट की रजिस्ट्री हो गई.

प्लॉट रजिस्ट्री होने के बाद सरजीत ने सीईओ सुरेन्द्र सिंह से बृहस्पतिवार को प्राधिकरण के दफ्तर में मिलकर मदद के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि सीईओ की वजह से उनको ग्रेटर नोएडा में अपना घर बनाने के लिए जमीन मिल सकी है. अब उनका ग्रेटर नोएडा में रहने का सपना पूरा हो सकेगा.

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