नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर-प्रदेश में डेढ़ साल बाद एक बार फिर बिजली के रेट में बढ़ोतरी की गई है. यूपी पावर कॉरपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली की दरें 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.
अगर बढ़ी हुई दरें लागू होती हैं तो नोएडा में बिजली की दरों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने विद्युत नियामक आयोग को एक पत्र लिखकर बढ़ाई गई दरों का विरोध किया है.
नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने कहा कि हैरानी की बात है कि नियामक आयोग इसलिए बनाया गया है ताकि वह इंडस्ट्री से आकर मिले और उसके बाद बिजली दरें तय करें.
'बिजली एक मूलभूत जरूरत'
उन्होंने बताया कि बिजली व्यापारी के लिए एक मूलभूत जरूरत है. इसका सीधा असर प्रोडक्ट के दाम पर पड़ता है. नोटबंदी के बाद बिजली की दरों में 25 परसेंट की बढ़ोतरी उद्यमियों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है.
उन्होंने नोएडा के नियामक आयोग को पत्र लिखा है जिसमें 25 प्रतिशत बढ़ोतरी को आधारहीन बताया गया है. उन्होंने पत्र में सवाल पूछा है कि बिजली किस दाम पर खरीदी जा रही है और उसे किस दाम पर बेचा जा रहा है.
सरकार एक तरफ ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाने पर जोर दे रही है वहीं लगातार हो रही बिजली के दामों में बढ़ोतरी से इंडस्ट्रीज को खत्म करने का काम किया जा रहा है.