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UP में 5 साल में 47 प्रतिशत महंगी हुई बिजली, व्यापारी बोले- ये अभिशाप की तरह

यूपी पावर कॉरपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली की दरें 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. आयोग की मंजूरी मिलते ही बढ़ी दरें लागू कर दी जाएंगी.

फिर से महंगी हुई बिजली
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Published : Jun 20, 2019, 1:08 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 5:59 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर-प्रदेश में डेढ़ साल बाद एक बार फिर बिजली के रेट में बढ़ोतरी की गई है. यूपी पावर कॉरपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली की दरें 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.

अगर बढ़ी हुई दरें लागू होती हैं तो नोएडा में बिजली की दरों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने विद्युत नियामक आयोग को एक पत्र लिखकर बढ़ाई गई दरों का विरोध किया है.

फिर महंगी हुई बिजली

नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने कहा कि हैरानी की बात है कि नियामक आयोग इसलिए बनाया गया है ताकि वह इंडस्ट्री से आकर मिले और उसके बाद बिजली दरें तय करें.

'बिजली एक मूलभूत जरूरत'
उन्होंने बताया कि बिजली व्यापारी के लिए एक मूलभूत जरूरत है. इसका सीधा असर प्रोडक्ट के दाम पर पड़ता है. नोटबंदी के बाद बिजली की दरों में 25 परसेंट की बढ़ोतरी उद्यमियों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है.

उन्होंने नोएडा के नियामक आयोग को पत्र लिखा है जिसमें 25 प्रतिशत बढ़ोतरी को आधारहीन बताया गया है. उन्होंने पत्र में सवाल पूछा है कि बिजली किस दाम पर खरीदी जा रही है और उसे किस दाम पर बेचा जा रहा है.

सरकार एक तरफ ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाने पर जोर दे रही है वहीं लगातार हो रही बिजली के दामों में बढ़ोतरी से इंडस्ट्रीज को खत्म करने का काम किया जा रहा है.

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर-प्रदेश में डेढ़ साल बाद एक बार फिर बिजली के रेट में बढ़ोतरी की गई है. यूपी पावर कॉरपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली की दरें 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.

अगर बढ़ी हुई दरें लागू होती हैं तो नोएडा में बिजली की दरों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने विद्युत नियामक आयोग को एक पत्र लिखकर बढ़ाई गई दरों का विरोध किया है.

फिर महंगी हुई बिजली

नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने कहा कि हैरानी की बात है कि नियामक आयोग इसलिए बनाया गया है ताकि वह इंडस्ट्री से आकर मिले और उसके बाद बिजली दरें तय करें.

'बिजली एक मूलभूत जरूरत'
उन्होंने बताया कि बिजली व्यापारी के लिए एक मूलभूत जरूरत है. इसका सीधा असर प्रोडक्ट के दाम पर पड़ता है. नोटबंदी के बाद बिजली की दरों में 25 परसेंट की बढ़ोतरी उद्यमियों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है.

उन्होंने नोएडा के नियामक आयोग को पत्र लिखा है जिसमें 25 प्रतिशत बढ़ोतरी को आधारहीन बताया गया है. उन्होंने पत्र में सवाल पूछा है कि बिजली किस दाम पर खरीदी जा रही है और उसे किस दाम पर बेचा जा रहा है.

सरकार एक तरफ ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाने पर जोर दे रही है वहीं लगातार हो रही बिजली के दामों में बढ़ोतरी से इंडस्ट्रीज को खत्म करने का काम किया जा रहा है.

Intro:डेढ़ साल कैंसर में एक बार फिर बिजली के रेट में बढ़ोतरी की गई। यूपी पावर कॉरपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली की दरें 25% तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने विद्युत नियामक आयोग को एक पत्र लिखकर बढ़ाई गई दरों का विरोध किया है।




Body:नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के महासचिव विक्रम सेठ ने कहा कि हैरानी इस बात की है कि नियामक आयोग इसलिए बनाया गया है ताकि वह इंडस्ट्री से आकर मिले और उसके बाद बिजली दरें तय करें। उन्होंने बताया कि बिजली इंडस्ट्रियलिस्ट के लिए एक मूलभूत जरूरत है। ऐसे में इसका सीधा असर प्रोडक्ट पर आता है और प्रोडक्ट के दाम बढ़ते हैं। जेसीओ नोटबंदी के बाद अभी 25 परसेंट की बढ़ोतरी उद्यमियों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है।

नोएडा के नियामक आयोग को पत्र लिखा है जिसमें 25% बढ़ोतरी को आधारहीन बताया गया है। मेरा विद्युत विभाग से सवाल यह है कि बिजली किस दामों पर खरीदी जा रही है उससे ढाई गुना ज्यादा पर बेची जा रही है ऐसे में क्या सरकार है सिर्फ पैसा कमाने के लिए है?


Conclusion:सरकार एक तरफ ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाने पर जोर दे रही है वही लगातार हो रही बिजली के दामों में बढ़ोतरी से इंडस्ट्रीज को खत्म करने का काम किया जा रहा है।
Last Updated : Jun 20, 2019, 5:59 PM IST
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