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DRDO वैज्ञानिक का अपहरण: केस को सुलझाने में 21 पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित - DRDO वैज्ञानिक का अपहरण नोएडा न्यूज

डीआरडीओ के वैज्ञानिक का पहले अपहरण और फिर हनीट्रैप के मामले में फंसाने का मामला सितंबर महीने में सामने आया था. जिसे पुलिस ने गंभीरता से सुलझाया और डीआरडीओ के वैज्ञानिक को जहां सकुशल बरामद कर लिया. इसको लेकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस कार्य के लिए पुलिस टीम को 5 लाख रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की गई.

21 policemen honored for investigating the case of DRDO scientist
21 पुलिसकर्मियों को मिला सम्मान
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Published : Feb 12, 2021, 11:02 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: सितंबर महीने में डीआरडीओ के वैज्ञानिक का पहले अपहरण और फिर हनीट्रैप के मामले में फंसाने का मामला प्रकाश में आया. जिसे पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए समय रहते डीआरडीओ के वैज्ञानिक को जहां सकुशल बरामद कर लिया. वही उनका अपहरण करने वाले आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया था. इस घटना में पुलिस कमिश्नर द्वारा 21 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था. जिसमें एडिशनल डीसीपी से लेकर सर्विलांस तक की टीम लगी हुई थी.

21 पुलिसकर्मियों को मिला सम्मान

5 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा

पुलिस के इस सराहनीय कार्य से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पूरी टीम को 5 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गई. जिसके तहत आज पुलिस कमिश्नर गौतमबुध नगर ने सभी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र और चेक सेक्टर 108 स्थित कार्यालय में भेंट किया.

Announcement of cash prize of Rs 5 lakh
5 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा

21 पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र
27 सितंबर को सेक्टर 77 में रहने वाली सुषमा वर्मा द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि शाम के वक्त घर से सामान लेने के लिए अपने होंडा सिटी कार से 26 सितंबर को उनके पति निकले हैं जो अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं. वही उनके मोबाइल पर यह भी फोन आया कि अपने पति को अगर छुड़ाना है, तो 10 लाख रुपये फिरौती के रूप में देना होगा.

कई टीमें पुलिस कमिश्नर द्वारा बनाई गई

इस धमकी भरे फोन की जानकारी जब पुलिस को हुई, तो थाना सेक्टर-49 पुलिस के साथ ही कई टीमें पुलिस कमिश्नर द्वारा बनाई गई और अपहृत डीआरडीओ के वैज्ञानिक की तलाश शुरू कर दी गई. पुलिस ने आखिर अपहृत डीआरडीओ के वैज्ञानिक और उनकी कार के साथ ही अपहरण करने वालों को कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार कर लिया.

मामला था हाईप्रोफाइल

मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते राष्ट्रीय राजधानी से लेकर प्रदेश सरकार तक की जानकारी में आया. पुलिस के सराहनीय कार्य से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस सराहनीय कार्य करने वाली टीम के सभी सदस्यों को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गई. जिसमें आज 5 लाख रुपये का पुरस्कार सबके बीच वितरित किया गया. जिसमें एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह को 50 हजार रुपये का पुरस्कार, एसीपी तृतीय विमल कुमार सिंह को 45 हजार रुपये, निरीक्षक सावेज खान स्टार्ट टू टीम को 25 हजार रुपये सहित कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को 20/20 हजार रुपये पुरस्कार के स्वरूप में दिए गए. साथ में प्रशस्ति पत्र भी पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह द्वारा दिए गए.

ये भी पढ़ें:-नॉर्थ एमसीडी का बजट हुआ पेश, दिल्लीवासियों को मिली योजनाओं की सौगातें

अधिकारियों और पुलिसकर्मियों का बढ़ा हौसला

इसको लेकर गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए पुरस्कार पाने वाले सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें आगे भी अपराधियों के विरुद्ध इसी प्रकार कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए. ताकि शासन के सपनों और अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस का यह कार्य काफी सराहनीय रहा और सबका सम्मान बढ़ाना जरूरी है, ताकि पुलिस मेहनत से अपराधियों के विरुद्ध कार्य कर सकें.

नई दिल्ली/नोएडा: सितंबर महीने में डीआरडीओ के वैज्ञानिक का पहले अपहरण और फिर हनीट्रैप के मामले में फंसाने का मामला प्रकाश में आया. जिसे पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए समय रहते डीआरडीओ के वैज्ञानिक को जहां सकुशल बरामद कर लिया. वही उनका अपहरण करने वाले आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया था. इस घटना में पुलिस कमिश्नर द्वारा 21 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था. जिसमें एडिशनल डीसीपी से लेकर सर्विलांस तक की टीम लगी हुई थी.

21 पुलिसकर्मियों को मिला सम्मान

5 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा

पुलिस के इस सराहनीय कार्य से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पूरी टीम को 5 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गई. जिसके तहत आज पुलिस कमिश्नर गौतमबुध नगर ने सभी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र और चेक सेक्टर 108 स्थित कार्यालय में भेंट किया.

Announcement of cash prize of Rs 5 lakh
5 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा

21 पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र
27 सितंबर को सेक्टर 77 में रहने वाली सुषमा वर्मा द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि शाम के वक्त घर से सामान लेने के लिए अपने होंडा सिटी कार से 26 सितंबर को उनके पति निकले हैं जो अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं. वही उनके मोबाइल पर यह भी फोन आया कि अपने पति को अगर छुड़ाना है, तो 10 लाख रुपये फिरौती के रूप में देना होगा.

कई टीमें पुलिस कमिश्नर द्वारा बनाई गई

इस धमकी भरे फोन की जानकारी जब पुलिस को हुई, तो थाना सेक्टर-49 पुलिस के साथ ही कई टीमें पुलिस कमिश्नर द्वारा बनाई गई और अपहृत डीआरडीओ के वैज्ञानिक की तलाश शुरू कर दी गई. पुलिस ने आखिर अपहृत डीआरडीओ के वैज्ञानिक और उनकी कार के साथ ही अपहरण करने वालों को कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार कर लिया.

मामला था हाईप्रोफाइल

मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते राष्ट्रीय राजधानी से लेकर प्रदेश सरकार तक की जानकारी में आया. पुलिस के सराहनीय कार्य से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस सराहनीय कार्य करने वाली टीम के सभी सदस्यों को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गई. जिसमें आज 5 लाख रुपये का पुरस्कार सबके बीच वितरित किया गया. जिसमें एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह को 50 हजार रुपये का पुरस्कार, एसीपी तृतीय विमल कुमार सिंह को 45 हजार रुपये, निरीक्षक सावेज खान स्टार्ट टू टीम को 25 हजार रुपये सहित कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को 20/20 हजार रुपये पुरस्कार के स्वरूप में दिए गए. साथ में प्रशस्ति पत्र भी पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह द्वारा दिए गए.

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अधिकारियों और पुलिसकर्मियों का बढ़ा हौसला

इसको लेकर गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए पुरस्कार पाने वाले सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें आगे भी अपराधियों के विरुद्ध इसी प्रकार कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए. ताकि शासन के सपनों और अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस का यह कार्य काफी सराहनीय रहा और सबका सम्मान बढ़ाना जरूरी है, ताकि पुलिस मेहनत से अपराधियों के विरुद्ध कार्य कर सकें.

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