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25 लाख की आबादी पर गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में सिर्फ 11 इमरजेंसी बेड, देखें ये रिपोर्ट

गुरुग्राम में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सवालों के घेरे में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 25 लाख की आबादी वाले शहर के सरकारी अस्पताल में मात्र 11 इमरजेंसी बेड हैं. रोजाना 100 से ज्यादा मरीज इमरजेंसी में पहुंचते हैं, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मरीजों को कैसा इलाज मिल रहा होगा.

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25 लाख की आबादी पर गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में सिर्फ 11 इमरजेंसी बेड
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Published : Jan 2, 2021, 10:49 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: गुरुग्राम शहर अपनी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है. ये वो शहर है जहां एक से बढ़कर एक नामी अस्पताल है, लेकिन ये सभी अस्पताल महंगे और हाईक्लास सोसाइटी के लिए हैं. वहीं जब बात सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की हो तो गुरुग्राम का हाल कुछ खास नहीं है.

25 लाख की आबादी पर गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में सिर्फ 11 इमरजेंसी बेड

25 लाख की आबादी पर 11 इमरजेंसी बेड

आलम ये है कि सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मात्र 11 बेड उपलब्ध हैं. जिससे आप अंदाता लगा सकते हैं कि यहां मरीजों का इलाज कैसे होता होगा. लिहाजा यहां से अधिकतर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.

इलाज कम और रेफर ज्यादा

गुरुग्राम में स्वास्थ्य सेवाएं केवल निजी अस्पतालों तक सीमित हैं. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि गुरुग्राम की आबादी 25 लाख से अधिक है और अधिकतर लोग गुरुग्राम में नौकरी की तलाश में आते हैं. कोई दो वक्त की रोटी कमाता है तो कोई कम पैसों में अपना गुजारा करता है.

ऐसे में अगर कोई बीमार होता है तो वो सरकारी अस्पताल का ही रुख करते हैं, लेकिन गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में केवल 175 बेड ही उपलब्ध हैं, जिसके चलते अस्पताल में मरीजों का तांता सुबह से ही लग जाता है..

4 हजार मरीज आते हैं इमरजेंसी में

गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में औसतन 4 हजार मरीज हर महीने अपने इलाज कराने के लिए आते हैं. यानी 133 मरीज रोज इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में केवल 11 बेड ही हैं. ऐसे में यहां मरीजों का इलाज कम किया जाता है और उन्हें रेफर ज्यादा किया जाता है.

ये भी पढे़ं- स्वास्थ्य से खिलवाड़! फरीदाबाद में बढ़ रही झोलाछाप डॉक्टर्स की संख्या

नई दिल्ली/गुरुग्राम: गुरुग्राम शहर अपनी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है. ये वो शहर है जहां एक से बढ़कर एक नामी अस्पताल है, लेकिन ये सभी अस्पताल महंगे और हाईक्लास सोसाइटी के लिए हैं. वहीं जब बात सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की हो तो गुरुग्राम का हाल कुछ खास नहीं है.

25 लाख की आबादी पर गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में सिर्फ 11 इमरजेंसी बेड

25 लाख की आबादी पर 11 इमरजेंसी बेड

आलम ये है कि सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मात्र 11 बेड उपलब्ध हैं. जिससे आप अंदाता लगा सकते हैं कि यहां मरीजों का इलाज कैसे होता होगा. लिहाजा यहां से अधिकतर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.

इलाज कम और रेफर ज्यादा

गुरुग्राम में स्वास्थ्य सेवाएं केवल निजी अस्पतालों तक सीमित हैं. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि गुरुग्राम की आबादी 25 लाख से अधिक है और अधिकतर लोग गुरुग्राम में नौकरी की तलाश में आते हैं. कोई दो वक्त की रोटी कमाता है तो कोई कम पैसों में अपना गुजारा करता है.

ऐसे में अगर कोई बीमार होता है तो वो सरकारी अस्पताल का ही रुख करते हैं, लेकिन गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में केवल 175 बेड ही उपलब्ध हैं, जिसके चलते अस्पताल में मरीजों का तांता सुबह से ही लग जाता है..

4 हजार मरीज आते हैं इमरजेंसी में

गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में औसतन 4 हजार मरीज हर महीने अपने इलाज कराने के लिए आते हैं. यानी 133 मरीज रोज इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में केवल 11 बेड ही हैं. ऐसे में यहां मरीजों का इलाज कम किया जाता है और उन्हें रेफर ज्यादा किया जाता है.

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