ETV Bharat / city

सोहना में हुई राष्ट्रीय किसान महासंघ की बैठक, आंदोलनरत किसानों को समझाने का लिया फैसला

राष्ट्रीय किसान महासंघ के पदाधिकारियों ने सोहना में बैठक की. बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों को ये समझाया जाएगा कि सरकार उनकी अधिकतर मांगों को मानने के लिए तैयार है.

rashtriya-kisan-mahasangh-meeting-in-sohna-gurugram
सोहना
author img

By

Published : Dec 14, 2020, 7:36 AM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाए गए नए कृषि कानून को रद्द करने के लिए किसान दिल्ली बार्डर पर जमे बैठे हैं. वहीं राष्ट्रीय किसान महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि ये इतना बड़ा मामला नहीं था जितना इसे बना दिया गया है. किसानों की आड़ में खालिस्तान और पाकिस्तान के नारे लगाए जा रहे हैं. वहीं अब शाहीन बाग में धरने पर बैठने वाले शरारती तत्व भी किसानों के आंदोलन के बीच पहुंच चुके हैं.

किसान नेताओं ने बताया कि राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा आयोजित की गई बैठक में निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेता बॉर्डर पर बैठे किसानों के बीच जाएंगे और उनको ये समझाने का काम करेंगे कि किसानों द्वारा रखी जा रही अधिकतर मांगों को सरकार मानने के लिए तैयार है. वहीं सरकार से भी अनुरोध करेंगे कि कोई भी निर्णय ऐसा ना ले जिससे देश के किसानों को नुकसान हो.

उन्होंने कहा कि किसान और सरकार के बीच अबकी बार जो वार्ता होगी उसमें हल निकल जाएगा. अब देखना इस बात का होगा कि राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेताओं की क्या भूमिका रहती है. क्या सरकार और किसानों के बीच आपसी तालमेल बन पाएगा या फिर किसान यूं ही दिल्ली बॉर्डर पर बैठकर सरकार द्वारा बनाए गए कानून को रद्द करने की मांग पर अड़िग रहेंगे.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाए गए नए कृषि कानून को रद्द करने के लिए किसान दिल्ली बार्डर पर जमे बैठे हैं. वहीं राष्ट्रीय किसान महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि ये इतना बड़ा मामला नहीं था जितना इसे बना दिया गया है. किसानों की आड़ में खालिस्तान और पाकिस्तान के नारे लगाए जा रहे हैं. वहीं अब शाहीन बाग में धरने पर बैठने वाले शरारती तत्व भी किसानों के आंदोलन के बीच पहुंच चुके हैं.

किसान नेताओं ने बताया कि राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा आयोजित की गई बैठक में निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेता बॉर्डर पर बैठे किसानों के बीच जाएंगे और उनको ये समझाने का काम करेंगे कि किसानों द्वारा रखी जा रही अधिकतर मांगों को सरकार मानने के लिए तैयार है. वहीं सरकार से भी अनुरोध करेंगे कि कोई भी निर्णय ऐसा ना ले जिससे देश के किसानों को नुकसान हो.

उन्होंने कहा कि किसान और सरकार के बीच अबकी बार जो वार्ता होगी उसमें हल निकल जाएगा. अब देखना इस बात का होगा कि राष्ट्रीय किसान महासंघ के नेताओं की क्या भूमिका रहती है. क्या सरकार और किसानों के बीच आपसी तालमेल बन पाएगा या फिर किसान यूं ही दिल्ली बॉर्डर पर बैठकर सरकार द्वारा बनाए गए कानून को रद्द करने की मांग पर अड़िग रहेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.