नई दिल्ली/गुरुग्राम: हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट भले ही 2008 में अस्तित्व में आई हो लेकिन इस सीट का इतिहास बहुत पुराना है. गुरुग्राम क्षेत्र में दो परिवारों का दबदबा रहा है- राव इंद्रजीत सिंह और कैप्टन अजय यादव का परिवार. अजय यादव राव अभय सिंह के पुत्र हैं और राव इंद्रजीत सिंह पूर्व सीएम राव बीरेंद्र के पुत्र हैं.
'बाप का, भाई का, चाचा का' सबकी हार का बदला लिया राव ने !
गुरुग्राम में राव इंद्रजीत और कैप्टन अजय यादव के परिवार की सियासी लड़ाई किसी से छुपी नहीं है. कैप्टन के पिता ने राव के पिता और चाचा को शिकस्त दी हुई है तो कैप्टन ने इंद्रजीत के भाई को हराया था. अब कहा जा सकता है कि आखिर राव इंद्रजीत ने कैप्टन को हराकर इन सबकी हार का बदला ले लिया.
नई दिल्ली/गुरुग्राम: हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट भले ही 2008 में अस्तित्व में आई हो लेकिन इस सीट का इतिहास बहुत पुराना है. गुरुग्राम क्षेत्र में दो परिवारों का दबदबा रहा है- राव इंद्रजीत सिंह और कैप्टन अजय यादव का परिवार. अजय यादव राव अभय सिंह के पुत्र हैं और राव इंद्रजीत सिंह पूर्व सीएम राव बीरेंद्र के पुत्र हैं.
rao inderjit singh defeated ajay yadav to take revenge
'बाप का, भाई का, चाचा का' सबकी हार का बदला लिया राव ने
गुरुग्राम: हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट भले ही 2008 में अस्तित्व में आई हो लेकिन इस सीट का इतिहास बहुत पुराना है. गुरुग्राम क्षेत्र में दो परिवारों का दबदबा रहा है- राव इंद्रजीत सिंह और कैप्टन अजय यादव का परिवार. अजय यादव राव अभय सिंह के पुत्र हैं और राव इंद्रजीत सिंह पूर्व सीएम राव बीरेंद्र के पुत्र हैं.
कैप्टन के पिता राव अभय सिंह और राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी किसी से छुपी नहीं है. दोनों ही परिवारों में राजनीतिक लड़ाई दशकों पुरानी है. 1952 में विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी से अजय यादव के पिता ने इंद्रजीत के पिता को हराया था. इसके बाद 1972 के विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी से ही राव बीरेंद्र सिंह के भाई राव राज सिंह को अभय सिंह ने हराया था और 1989 में अजय यादव ने इंद्रजीत के छोटे भाई राव अजीत सिंह को हराया था.
इस बार अजय यादव और इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम में आमने-सामने थे. दो परिवारों की इस सियासी लड़ाई में एक और अध्याय जुड़ने वाला था. नतीजों से तीन दिन पहले आए एग्जिट पोल में यहां कड़ी टक्कर होने की बात कही गई थी. मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद थी लेकिन इंद्रजीत ने 3 लाख से भी ज्यादा वोटों से अजय यादव को हराकर मुकाबले को एकतरफा कर दिया और साथ ही ले लिया अपने पिता और भाई की हार का बदला.
Conclusion: