नई दिल्ली/गुरुग्राम: इन दिनों प्रदूषण की सफेद चादर ने गुरुग्राम को अपने आगोश में ले रखा है. आलम यह है कि वाहनों को दिन के समय में भी हेडलाइट जलाकर चलाना पड़ रहा है. गुरुग्राम में हवा अब लोगों का दम घोटने का काम कर रही है. इन दिनों गुरुग्राम के हवा में जहर घुल चुका है.
गुरुग्राम के आसमान पर छाया प्रदूषण का चादर
गुरुग्राम के आसमान प्रदूषण की चादर की भेंट चढ़ गया है. अब इस हवा से लोगों को घरों से बाहर निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दिवाली के बाद से ही प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं. आज हालात बद से बदतर हो गए है. एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें तो वो 410 के भी पार पहुंच चुका है, प्रदूषण का यह स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है.
प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा
डॉक्टर्स की माने तो प्रदूषण का स्तर बढ़ने की वजह से मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. वहीं लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हो रही हैं, जिसके चलते लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि प्रदूषण का स्तर अगर कम नहीं हुआ तो लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह प्रदूषण गंभीर साबित हो सकता है.
आपको बता दें कि साइबर सिटी गुरुग्राम में बड़े-बड़े कॉरपोरेट ऑफिस के हेड क्वार्टर है और देश और विदेश से लोग यहां पर काम करने के लिए आते हैं. लेकिन प्रदूषण की मार लोगों के लिए अब मुसीबत बनती जा रही है. लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया है.
डॉक्टर्स ने दी यह सलाह
ऐसे में डॉक्टर्स की भी यही सलाह है कि जरूरी काम के लिए ही लोग अपने घर से निकले और एहतियात के तौर पर मुंह को मास्क या कपड़े से ढका रखें. साथ ही साथ पानी का सेवन भी ज्यादा से ज्यादा करते रहें, ताकि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके.
ऐसे मापा जाता है प्रदूषण का स्तर
गुरुग्राम में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 410 के पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है. ऐसी हवा में सांस लेना बहुत खतरनाक होता है. जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.