नूंह: जिले के बड़े गांवों में शामिल बिछोर गांव में बघेल समाज के शमशान घाट में तालाब का पानी भरा हुआ है. पानी भी दो-चार फुट गहरा नहीं बल्कि दस-दस फुट गहरा है. बघेल समाज के लोगों के लिए ये कोई नई समस्या नहीं है, बल्कि पिछले 25 सालों से श्मशान में पानी भरा हुआ है. कुछ साल तो बची हुई जमीन में दाह संस्कार होता रहा, लेकिन अब पूरे शमशान घाट पर पानी का कब्जा हो चुका है. जिसकी वजह से दाह संस्कार नहीं हो पा रहा है.
अन्य समाज के गांव में शमशान तो हैं, लेकिन बघेल समाज के लोग अपने ही शमशान में शव का अंतिम संस्कार करने की जिद करते हुए शुक्रवार को एक शव को ट्रैक्टर - ट्रॉली में रखकर पूरी सामग्री के साथ लेकर लघु सचिवालय पहुंच गए. इस दौरान वो एसडीएम कार्यालय में शव को रखकर महिलाओं के साथ बैठ गए.
इतना पता चलते ही बीजेपी-आरएसएस नेताओं का जमावड़ा लगने लगा तो प्रशासन के भी तमाम अधिकारी एक के बाद एक करके लघु सचिवालय में जुटने लगे. एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार, बीडीपीओ, एसएचओ पुन्हाना, सिटी चौकी इंचार्ज सहित सब अधिकारी आरएसएस से जुड़े लोगों को समझाकर मामले को शांत करने में जुट गए.
बिछोर गांव के लोगों की कमान संघ के लोगों ने थाम ली. कई घंटे तक बातचीत का दौर चलता रहा. संघ नेताओं के दवाब में आखिरकार प्रशासन के अधिकारियों को आना पड़ा. बिछोर गांव के तालाब पंचायत से पट्टे पर लेकर मछली पालन करने वाले ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज कराने और तुरंत पानी में मिट्टी डालकर जमीन खाली करने की शर्त पर बिछोर के लोग माने.