नई दिल्ली/नूंह: कोरोना महामारी की वजह से हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिला में पिछले करीब 4 महीने से फंसे विदेशी तबलीगी जमातियों के अपने वतन लौटने का रास्ता अब साफ हो चुका है. नूंह पुलिस ने तबलीगी जमातियों के पासपोर्ट वापस कर दिए हैं. अब उन्हें उस पल का इंतजार है जब उनके मुल्कों की सरकार भारत की सरकार से बातचीत कर उनके उड़ान का रास्ता साफ करेंगी.
विदेशी जमातियों ने कहा कि अब उन्हें पासपोर्ट पुलिस ने लौटा दिए हैं. शुक्रवार को उनके पास उनके जब्त किए गए दस्तावेज मिल चुके हैं, बस अब तो चंद घंटे और चंद दिन ही उनकी वतन वापसी में बचे हैं. तबलीगी जमातियों ने जिला प्रशासन, नूंह पुलिस, अदालत, राज्य और केंद्र सरकार के अलावा विधायक आफताब अहमद, पल्ला अस्पताल के मालिक समसुद्दीन सहित तबलीगी जमातियों की सेवा में लगे उलेमा और अन्य लोगों का दिल से आभार व्यक्त किया.
क्या है मामला ?
आपको बता दें कि नूंह जिले में विदेशी तबलीगी जमातियों पर 2 अप्रैल को विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. उसके बाद तबलीगी जमात के पासपोर्ट इत्यादि कागजात पुलिस ने जब्त कर लिए थे. इस मामले को शौकत अली एडवोकेट, नूरुद्दीननूर एडवोकेट सहित कई अधिवक्ताओं ने कोर्ट में चुनौती दी.
न्यायाधीश सीजेएम विशाल की अदालत ने फैसला सुनाते हुए करीब 57 विदेशी तबलीगी जमातियों और दो अन्य पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए सरकार को आदेश दिए कि उनके कागजात वापस लौटाए जाएं और उन्हें उनके वतन भेजा जाए, लेकिन इसके बावजूद भी जब उनके कागजात नहीं लौटाए गए तो वकीलों ने 14 जुलाई को लोअर कोर्ट में एक याचिका डाली. जिसके बाद 17 जुलाई को कोर्ट ने जल्द से जल्द पासपोर्ट इत्यादि कागजात वापस लौटाने के आदेश दिए. जिसके बाद शुक्रवार को सभी विदेशी तबलीगी जमातियों को उनके पासपोर्ट वापस कर दिए गए.
हॉस्टल में रुके थे जमाती
जानकारी के मुताबिक कुल 59 लोग थे, जिनमें एक अनुवादक यूपी और एक नेपाल से संबंध रखता था. इसके अलावा थाईलैंड से 6, दक्षिण अफ्रीका से 5, इंडोनेशिया से 11, बांग्लादेश से 6 पुरुष और 5 महिलाओं सहित कुल 11, श्रीलंका से 24 तबलीगी जमात के सदस्य पिछले करीब 4 महीने से शमसुद्दीन हॉस्टल पल्ला में रह रहे थे.
जामातियों के चेहरे पर घर जाने की खुशी
तबलीगी जमातियों ने केंद्र और राज्य सरकार के अलावा इलाके के नेताओं उलेमाओं और आमजन का सहयोग के लिए आभार जताया है. साथ ही उनकी सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों का भी उन्होंने शुक्रिया जताते हुए कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत इस दौरान नहीं हुई है, घर से सिर्फ 1 महीने के लिए जमात में निकले थे. लेकिन कोरोना महामारी तथा पासपोर्ट आदि जब्त हो जाने के बाद उन्हें करीब 4 महीने हो चुके हैं.