नई दिल्ली/नूंह: अलवर के बहरोड में करीब 3 साल पहले मॉब लिंचिंग में मारे गए पहलू खान के दो नाबालिग हत्यारों को अदालत ने जैसे ही 3-3 साल की सजा का ऐलान किया तो परिवार को न्याय की आस जग गई. पहलू खान के बड़े बेटे इरसाद ने कहा कि अब उन्हें यकीन ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि कोर्ट से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.
क्या है मामला ?
आपको बता दें कि जयपुर के पशु मेले से दुधारू गाय खरीद कर वाहन में लेकर आ रहे नूंह जिले के निवासी पहलू कि 1 अप्रैल 2017 को राजस्थान के अलवरमें कुछ लोगों ने मॉब लिंचिंग की थी. इस दौरान उनके दो बेटों आरिफ, इरसाद और ड्राइवर को भी पीट- पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. पहलू की 3 अप्रैल को अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी.
इस मौके पर कथित गौ रक्षकों की ओर से पहलू खान और अन्य की सरेआम की गई मारपीट की वीडियो जमकर वायरल हुई थी. मॉब लिंचीग का ये पहला मामला था. जिसका मुद्दा सड़क से लेकर लोकसभा तक ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया में भी जमकर उठाया गया था. पुलिस ने इस मामले में दो मुकदमे दर्ज किए थे. पहला पहलू और उसके बेटे के खिलाफ तस्करी करने का और दूसरा दूसरा पहलू की हत्या करने का.
हाईकोर्ट में विचारधीन मामला
पुलिस ने पहलू खान हत्या मामले में कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिनमें तीन नाबालिग थे. सबूतों के आभाव की वजह से 14 अगस्त 2019 को अलवर एडीजे कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जिसकी अपील सरकार की ओर से हाईकोर्ट में की हुई है. हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है.
दो नाबालिगों को 3-3 साल की सजा
वहीं दो नाबालिग आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड ने 3-3 साल की सजा सुनाई है,जबकि 17 वर्षीय अन्य आरोपी का मामला पोस्को अदालत में चल रहा है. पहलू खान की पत्नी का कहना है कि उनका पति तो वापस नहीं आ सकता अब एक ही उम्मीद है कि जिन हत्यारों ने उनको बेहरमी से मारा उनको कड़ी से कड़ी सजा मिले.
वहीं पहलू खान के बड़े बेटे इरसाद का कहना है कि जो अदालत का फैसला आया है. उससे वो खुश हैं, लेकिन उनको खुशी तो तब होगी जब उनके पिता के बाकी बचे हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. उनका कहना है कि राजस्थान पुलिस ने उनके साथ इंसाफ नहीं किया था. अगर पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करती तो कोई भी आरोपी बच नहीं पाता.