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नूंह पशुपालन विभाग ने गलघोटू और मुंह खुर बीमारियों से बचाने के लिए चलाया टीकाकरण अभियान - mouth cracking throat vaccination campaign nuh

पशुओं को गलघोटू और मुंह खुर बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत पशुओं को गलघोटू और मुंह खुर बीमारियों का टीका लगाया जाएगा.

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गलघोटू और मुंह खुर बीमारियों से बचाने के लिए चलाया टीकाकरण अभियान
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Published : Feb 10, 2021, 9:45 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: भारत सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं. इस क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए भारत सरकार द्वारा पशुओं को मुंह खुर व गलघोटू की बीमारी से मुक्त करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है. इससे दुग्ध उत्पादन के में बढ़ोतरी होगी. जिससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अच्छा समाधान उपलब्ध हो जाएगा.

गलघोटू और मुंह खुर बीमारियों से बचाने के लिए चलाया टीकाकरण अभियान

ये अभियान 28 दिसंबर से शुरू हो गया है. जो आगामी 1 मार्च तक लगातार जारी रहेगा. पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान की तर्ज पर ही इस अभियान को चला कर प्रत्येक पशुओं का टीकाकरण किया जा जाएगा.

टीकाकरण से दूध उत्पादन पर नहीं पड़ता विपरीत असर: पशुपालन विभाग

उपनिदेशक पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है, लेकिन हमारे पशुओं के दूध की मांग अन्य देशों में इसलिए नहीं होती थी. क्योंकि उन देशों के लोगों का मानना था कि यहां के पशु के बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं, लेकिन इस टीकाकरण अभियान के माध्यम से सभी दुधारू पशुओं को तमाम रोगों से मुक्त बनाया जायेगा.

बीमारियों से रोकथाम के लिए चलाया गया है चार अलग-अलग अभियान

उन्होंने कहा कि इसके बाद दुनिया के देशों में भारत के दूध व दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़नी लाजमी है. जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा. उन्होंने ने कहा कि मुंह खुर और गलघोटू बीमारियों की रोकथाम के लिए देश में पशुओं के टीकाकरण करने के लिए चार अलग-अलग अभियान चलाए हुए हैं.

ये भी पढ़ें:NDRI ने तैयार किया नई नस्ल का कटड़ा, भैंस देगी रोजाना 10-15 लीटर दूध

28 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा लक्ष्य: पशुपालन विभाग

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ नरेंद्र सिंह ने पशु पालकों को सलाह दी है कि वो हर पशुओं का टीकाकरण करवाएं. अगर 4 माह से ऊपर आयु का कोई भी पशु है. तो उसे टीका अवश्य लगवाएं. उन्होंने ये भी कहा कि टीकाकरण से पशुओं के दूध उत्पादन पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि जिला में निर्धारित समय अवधि से पहले 28 फरवरी तक अभियान के तहत दिए गए लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए जाएगा.

ये भी पढ़ें:दूध, पनीर और घी से निकलने वाले वेस्ट से भी किसान कमा सकते हैं मुनाफा, जानिए कैसे

नई दिल्ली/नूंह: भारत सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं. इस क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए भारत सरकार द्वारा पशुओं को मुंह खुर व गलघोटू की बीमारी से मुक्त करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है. इससे दुग्ध उत्पादन के में बढ़ोतरी होगी. जिससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अच्छा समाधान उपलब्ध हो जाएगा.

गलघोटू और मुंह खुर बीमारियों से बचाने के लिए चलाया टीकाकरण अभियान

ये अभियान 28 दिसंबर से शुरू हो गया है. जो आगामी 1 मार्च तक लगातार जारी रहेगा. पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान की तर्ज पर ही इस अभियान को चला कर प्रत्येक पशुओं का टीकाकरण किया जा जाएगा.

टीकाकरण से दूध उत्पादन पर नहीं पड़ता विपरीत असर: पशुपालन विभाग

उपनिदेशक पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है, लेकिन हमारे पशुओं के दूध की मांग अन्य देशों में इसलिए नहीं होती थी. क्योंकि उन देशों के लोगों का मानना था कि यहां के पशु के बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं, लेकिन इस टीकाकरण अभियान के माध्यम से सभी दुधारू पशुओं को तमाम रोगों से मुक्त बनाया जायेगा.

बीमारियों से रोकथाम के लिए चलाया गया है चार अलग-अलग अभियान

उन्होंने कहा कि इसके बाद दुनिया के देशों में भारत के दूध व दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़नी लाजमी है. जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा. उन्होंने ने कहा कि मुंह खुर और गलघोटू बीमारियों की रोकथाम के लिए देश में पशुओं के टीकाकरण करने के लिए चार अलग-अलग अभियान चलाए हुए हैं.

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28 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा लक्ष्य: पशुपालन विभाग

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ नरेंद्र सिंह ने पशु पालकों को सलाह दी है कि वो हर पशुओं का टीकाकरण करवाएं. अगर 4 माह से ऊपर आयु का कोई भी पशु है. तो उसे टीका अवश्य लगवाएं. उन्होंने ये भी कहा कि टीकाकरण से पशुओं के दूध उत्पादन पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि जिला में निर्धारित समय अवधि से पहले 28 फरवरी तक अभियान के तहत दिए गए लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए जाएगा.

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