नई दिल्ली/गुरुग्रामः किसानों के बाद अब महिलाएं भी कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतर चुकी है. इसी कड़ी में गुरुग्राम में गुरुवार को राष्ट्रीय महिला जाट मंच द्वारा किसानों के पक्ष में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया. महिलाएं ने ट्रैक्टर पर बैठकर प्रदर्शन किया और गुरुग्राम के लघु सचिवालय पहुंचकर जिला उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा.
ट्रैक्टर लेकर प्रदर्शन करने आई महिलाओं का कहना है कि सभी महिलाएं किसान भाइयों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य मांग रहे हैं, लेकिन सरकार ने इस कानून में वो पास नहीं किया है, जो वाकई में गलत है. महिलाओं का कहना है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट में भी किसानों की हक की आवाज को उठाया गया है, लेकिन आज तक इस सरकार ने वो रिपोर्ट को लागू नहीं की. जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ये है मुख्य मांगें
वहीं राष्ट्रीय महिला जाट मंच की चेयरमैन पुष्पा धनखड़ बताती हैं कि वो पिछले काफी समय से किसान संगठनों से जुड़ी हुई है. ऐसे में उन्होंने देखा है कि इन कृषि कानूनों से किसानों को किस तरह से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
मंडियों को लेकर भी किसान काफी परेशान हैं, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में अब वो स्वामीनाथन रिपोर्ट का पूर्ण समर्थन करते हैं. और मांग करते हैं कि प्रदेश में स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए.
'किसानों की आवाज हो बुलंद'
उनका कहना है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट से किसानों को पूरा हक मिलेगा और उनकी आवाज को दबाया नहीं जाएगा. पुष्षा धनखड़ ने कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो सबसे पहले स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करनी चाहिए और सरकार को किसानों को पूरा मूल्य भी देना चाहिए. जिससे हमारे किसान भाई खुशहाल हो सके.