नई दिल्ली/गुरुग्रामः साइबर सिटी गुरुग्राम के सोहना में एक पिता और दो बेटों ने मिलकर आज भी प्राचीन कला को जिंदा रखा है. दोनों भाई अपने पिता के साथ मिलकर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं.
राजेंद्र ने बताया कि गुरुग्राम के सोहना जिले के भौंडसी के पास पर्यटक स्थल भारत यात्रा केंद्र की बाकी यादें तो धीरे धीरे लुप्त होती चली गई, लेकिन यहां आज भी एक याद लोगों के बीच जिंदा है. उन्होंने बताया कि यहां आज भी उनका पूरा परिवार मिट्टी के बर्तन बनाता है.
आपको बता दें कि राजेंद्र के दोनों बेटों में से एक आईआईटी पास है तो दूसरा मैकेनिकल इंजीनियर है. उनका कहना है कि उन्होंने पढ़ाई किसी नौकरी के लिए नहीं बल्कि अपने मिट्टी के बर्तनों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए की है. यही नहीं राजेंद्र का पूरा परिवार इसी तरह से प्राचीन कला को जिंदा रखने में जुटा हुआ है.