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हरियाणा: प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क न लेने के निर्देश

लॉकडाउन के दौरान आमजन के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य शुल्क लेने पर रोक लगा दी है. वहीं अगर कोई निजी स्कूल सरकार के निर्देशों की अवेहलना करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Published : May 12, 2020, 9:04 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: प्रदेश में लॉकडाउन के कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आमजन के आजीविका के स्रोत बंद हो चुके हैं. जिन्हें सरकार धीरे- धीरे पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है. वहीं इस दौरान प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई भी शुल्क लेने पर रोक लगा दी है.

बता दें कि सरकार के इन आदेशों की जिले में सख्ती से अनुपालना करवाई जा रही है. बताया जा रहा है कि जिले में अब तक 36 स्कूलों की 175 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है. इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने दी.

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कहर के चलते लॉकडाउन किया गया है और लॉकडाउन के कारण लोगों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. इसके दृष्टिगत अभिभावकों को राहत देने के लिए शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों की फीस एवं शुल्क के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी विद्यालयों द्वारा अभी भी अभिभावकों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क वसूलने की कोशिश की जा रही है.

बोकन ने स्पष्ट किया कि निजी विद्यालय मासिक आधार पर केवल ट्यूशन फीस ही लें. अन्य प्रकार के फंड जैसे बिल्डिंग फंड, रखरखाव फंड, प्रवेश शुल्क और कंप्यूटर शुल्क कोविड-19 जैसी असामान्य परिस्थिति के मद्देनजर स्थगित कर दी जाएं. साथ ही निजी विद्यालय फीस में किसी प्रकार की वृद्धि न करें और ना ही मासिक फीस में किसी प्रकार का हिडन चार्ज जोड़ें.

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान कोई भी निजी विद्यालय अभिभावकों से किसी प्रकार का यातायात शुल्क भी नहीं वसूल करेगा. साथ ही इस साल स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों, कार्य पुस्तकों, अभ्यास पुस्तकों, प्रैक्टिकल फाइल में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगा. सभी विद्यालय इस बात का ध्यान रखें कि फीस न देने के कारण किसी विद्यार्थी का नाम न काटें और न ही उन्हें ऑनलाइन शिक्षा देने से वंचित नहीं रखें और अगर किसी ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा फीस एवं अन्य शुल्क से संबंधित दिशा-निर्देश नियम 158 में विस्तृत रूप से अंकित किए गए हैं. जिसके अनुसार सभी निजी विद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस का विवरण प्रतिवर्ष फार्म-6 में भरकर जमा करवाना अनिवार्य है.

बता दें कि जिले में अधिकारियों को सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों की सख्ती से अनुपालना करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि यदि कोई निजी विद्यालय इन आदेशों की उल्लंघना करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के नियम 158 के अनुसार कार्रवाई की जाए.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: प्रदेश में लॉकडाउन के कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आमजन के आजीविका के स्रोत बंद हो चुके हैं. जिन्हें सरकार धीरे- धीरे पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है. वहीं इस दौरान प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई भी शुल्क लेने पर रोक लगा दी है.

बता दें कि सरकार के इन आदेशों की जिले में सख्ती से अनुपालना करवाई जा रही है. बताया जा रहा है कि जिले में अब तक 36 स्कूलों की 175 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है. इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने दी.

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कहर के चलते लॉकडाउन किया गया है और लॉकडाउन के कारण लोगों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. इसके दृष्टिगत अभिभावकों को राहत देने के लिए शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों की फीस एवं शुल्क के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी विद्यालयों द्वारा अभी भी अभिभावकों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क वसूलने की कोशिश की जा रही है.

बोकन ने स्पष्ट किया कि निजी विद्यालय मासिक आधार पर केवल ट्यूशन फीस ही लें. अन्य प्रकार के फंड जैसे बिल्डिंग फंड, रखरखाव फंड, प्रवेश शुल्क और कंप्यूटर शुल्क कोविड-19 जैसी असामान्य परिस्थिति के मद्देनजर स्थगित कर दी जाएं. साथ ही निजी विद्यालय फीस में किसी प्रकार की वृद्धि न करें और ना ही मासिक फीस में किसी प्रकार का हिडन चार्ज जोड़ें.

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान कोई भी निजी विद्यालय अभिभावकों से किसी प्रकार का यातायात शुल्क भी नहीं वसूल करेगा. साथ ही इस साल स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों, कार्य पुस्तकों, अभ्यास पुस्तकों, प्रैक्टिकल फाइल में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगा. सभी विद्यालय इस बात का ध्यान रखें कि फीस न देने के कारण किसी विद्यार्थी का नाम न काटें और न ही उन्हें ऑनलाइन शिक्षा देने से वंचित नहीं रखें और अगर किसी ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा फीस एवं अन्य शुल्क से संबंधित दिशा-निर्देश नियम 158 में विस्तृत रूप से अंकित किए गए हैं. जिसके अनुसार सभी निजी विद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस का विवरण प्रतिवर्ष फार्म-6 में भरकर जमा करवाना अनिवार्य है.

बता दें कि जिले में अधिकारियों को सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों की सख्ती से अनुपालना करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि यदि कोई निजी विद्यालय इन आदेशों की उल्लंघना करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के नियम 158 के अनुसार कार्रवाई की जाए.

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