नई दिल्ली/गुरुग्राम: कूड़े को लेकर अब गुरुग्राम के तमाम पार्षद एकजुट हो गए हैं. फरीदाबाद के कूड़े को गुरुग्राम में नहीं डालने का ऐलान कर दिया गया है. जिसका साथ गुरुग्राम की मेयर टीम भी दे रही है.
दरअसल गुरुग्राम और फरीदाबाद दोनों जिले का हर रोज करीब 1800 टन कूड़ा गुरुग्राम के बंधवाड़ी गांव में स्थित कूड़ा ट्रीटमेंट प्लांट में आता है. जिसकी वजह से गुरुग्राम में कूड़े का पहाड़ पिछले कई साल से बना हुआ है.
इससे गुरुग्राम में गंदगी के साथ बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है. अब गुरुग्राम के तमाम 35 पार्षदों ने एक जुटता दिखाते हुए नगर निगम के सदन की बैठक में साफ कर दिया कि गुरुग्राम में फरीदाबाद का कूड़ा नहीं डालने देंगे.
गुरुग्राम में गंदगी का पहाड़
पार्षदों की मानें तो ये प्लांट निगम के वार्ड नंबर-30 में आता है. जिसकी वजह से पूरा वार्ड में सबसे ज्यादा बदबू है. जो कि फरीदाबाद के बॉर्डर से जुड़ा हुआ है. पार्षदों ने कहा कि गुरुग्राम से पहले फरीदाबाद निगम का गठन हुआ था और फरीदाबाद स्मार्ट सिटी शहरों की लिस्ट में भी शुमार है.
फिर भी गुरुग्राम में फरीदाबाद का कूड़ा क्यों डाला जा रहा है? ये कूड़े का पहाड़ करीब 35 एकड़ में फैला है. दूसरी तरफ से तमाम पार्षदों ने साफ कर दिया कि गुरुग्राम क्यों फरीदाबाद की गंदगी को झेलेगा? जबकि फरीदाबाद गुरुग्राम से पहले नगर निगम बनने वाला शहर है.
फरीदाबाद के कूड़े पर रोक
पार्षदों के ऐलान का समर्थन करते हुए मेयर टीम ने भी एकजुटता दिखाई और कहा कि फरीदाबाद अपना कूड़ा कई भी डाले लेकिन गुरुग्राम में फरीदाबाद का कूड़ा नहीं डाल देंगे. उसके लिए फरीदाबाद की मेयर टीम के साथ वहां के अधिकारियों से भी चर्चा की जाएगी और उसके बाद भी फरीदाबाद निगम नहीं माना तो फरीदाबाद के कूड़े को कूड़ेदान में नहीं घुसने दिया जाएगा. बहरहाल गुरुग्राम और फरीदाबाद के कूड़े पर अब संग्राम छिड़ा हुआ है. ऐसे में देखना ये होगा कि आखिर यह कूड़े पर छिड़ी महाभारत कब तक और कहां जाकर खत्म होगी?