नई दिल्ली/नूंह: हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से किसानों की फसल खराब हो जाती है. ऐसे संकट के वक्त में किसानों के लिए केंद्र की एक योजना जीवनदायनी साबित हो रही है, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना. ये योजना 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था. जिसका आज हरियाणा प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के किसान लाभ उठा रहे हैं.
नूंह के सैकड़ों किसानों ने लिया योजना का लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों के चेहरों पर रौनक लाने का काम किया है, प्रदेश के सिर्फ नूंह जिले की अगर बात करें तो यहां पर बीते साल बर्बाद हुई फसल के लिए 6,956 किसानों ने आवेदन किया. जिसमें 2900 किसानों को 4.47 करोड रुपये की राशि बीमा कंपनियों की तरफ से दी गई.
फसल नुकसान होने पर किसान कर सकते हैं क्लेम
वहीं रबी फसल की अगर बात करें तो साल 2019 के मार्च महीने में जिले के 8,768 किसानों ने ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के लिए आवेदन किया. जिनमें से 3,906 किसानों को 382 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. इसके अलावा बाजरा, कपास, खराब हुई फसलों के लिए 6,487 किसानों ने आवेदन किया. अभी भी जिले से 300 किसानों के आवेदन को सही मानते हुए राज्य सरकार को फाइल भेज दी है. जैसे ही राशि मुहैया होगी उसे किसानों को बीमा कंपनी वितरित कर देंगी.
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किसानों ने भी की योजना की तारीफ
इस योजना को सिर्फ कृषि विभाग के अधिकारी धरतीपुत्रों के लिए अच्छी नहीं मानते हैं, बल्कि खुद अन्नदाता भी इस योजना के महत्व को समझते हैं. इसलिए तो किसान सरकार की इस योजना का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. योजनाएं आम लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई जाती है, बशर्ते उसकी सही जानकारी लाभार्थी के पास हो. नूंह जिले के हजारों किसान देशभर के किसानों के लिए उदाहरण हैं जो कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को सकारात्मकता के साथ अपना रहे हैं और अपने मुश्किल वक्त में योजना के तहत लाभ भी उठा रहे हैं.