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स्पेशल ओलंपिक के लिए दिव्यांग बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग - Divyang children being given training for special Olympics

स्पेशल ओलंपिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स की तरफ दिव्यांग बच्चों को स्वीडन में होने वाली स्पेशल ओलम्पिक के लिए ट्रेनिंग मात्र खानापूर्ति ही नजर आ रही है. किट नहीं मिलने की वजह से दिव्यांग बच्चे बर्फ पर फिसलकर गिरते नजर आये.

Divyang children being given training for special Olympics
स्पेशल ओलंपिक के लिए दिव्यांग बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग
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Published : Nov 26, 2019, 1:39 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम के आई-स्केट में स्पेशल ओलंपिक भारत विंटर गेम्स के द्वारा ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत हो गई है. 24 नवंबर से लेकर 29 नवंबर तक 6 दिनों तक चलने वाले इस ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत डायरेक्टर स्पेशल ओलंपिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स हरप्रीत सिंह की तरफ की गई.

दिव्यांग बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग

150 सिलेक्टेड बच्चों को दी रही है ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग कैंप में देश के 7 राज्यों से सिलेक्ट होकर आये लगभग 150 स्पेशल बच्चे भाग ले रहे हैं. स्पेशल ओलंपिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स के डायरेक्टर का कहना है कि इस ट्रेनिंग कैंप का मुख्य उद्देश्य सन 2020-2021 में स्वीडन में होने वाले विंटर गेम्स के लिए भारत के स्पेशल बच्चों को तैयार करना है.

नहीं मुहैया करवाई गई किट
हमारी टीम ने जब मुहैया किया तो इस स्पेशल ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग मात्र खानापूर्ति ही नजर आ रही है. ट्रेनिंग के नाम पर बच्चों को आई-स्केट में तो उतार दिया गया, लेकिन उनमें से ज्यादातर बच्चों को सेफ्टी किट भी नहीं दी गई थी.


सुविधाओं के अभाव में चोटिल हुए बच्चे
किट नहीं मिलने की वजह से दिव्यांग बच्चे बर्फ पर फिसलकर गिरते नजर आये. एल्बो किट, नी किट और हेड हेलमेट ना होने की वजह से चोटिल होते नजर आये. जब डायरेक्टर से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बात को टाल मटोल कर दिया.


गुरुग्राम में शुरू हुआ यह ट्रेनिंग कैंप भारत के दिव्यांग बच्चों के लिए वाकई एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन इनकी सेफ्टी नॉर्म्स की तरफ ध्यान देना भी बेहद जरूरी है. यह बच्चे पहले से दिव्यांग हैं. ऐसे में कोई भी अनहोनी इन बच्चों के लिए भारी पड़ सकती है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम के आई-स्केट में स्पेशल ओलंपिक भारत विंटर गेम्स के द्वारा ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत हो गई है. 24 नवंबर से लेकर 29 नवंबर तक 6 दिनों तक चलने वाले इस ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत डायरेक्टर स्पेशल ओलंपिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स हरप्रीत सिंह की तरफ की गई.

दिव्यांग बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग

150 सिलेक्टेड बच्चों को दी रही है ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग कैंप में देश के 7 राज्यों से सिलेक्ट होकर आये लगभग 150 स्पेशल बच्चे भाग ले रहे हैं. स्पेशल ओलंपिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स के डायरेक्टर का कहना है कि इस ट्रेनिंग कैंप का मुख्य उद्देश्य सन 2020-2021 में स्वीडन में होने वाले विंटर गेम्स के लिए भारत के स्पेशल बच्चों को तैयार करना है.

नहीं मुहैया करवाई गई किट
हमारी टीम ने जब मुहैया किया तो इस स्पेशल ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग मात्र खानापूर्ति ही नजर आ रही है. ट्रेनिंग के नाम पर बच्चों को आई-स्केट में तो उतार दिया गया, लेकिन उनमें से ज्यादातर बच्चों को सेफ्टी किट भी नहीं दी गई थी.


सुविधाओं के अभाव में चोटिल हुए बच्चे
किट नहीं मिलने की वजह से दिव्यांग बच्चे बर्फ पर फिसलकर गिरते नजर आये. एल्बो किट, नी किट और हेड हेलमेट ना होने की वजह से चोटिल होते नजर आये. जब डायरेक्टर से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बात को टाल मटोल कर दिया.


गुरुग्राम में शुरू हुआ यह ट्रेनिंग कैंप भारत के दिव्यांग बच्चों के लिए वाकई एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन इनकी सेफ्टी नॉर्म्स की तरफ ध्यान देना भी बेहद जरूरी है. यह बच्चे पहले से दिव्यांग हैं. ऐसे में कोई भी अनहोनी इन बच्चों के लिए भारी पड़ सकती है.

Intro:गुरुग्राम में स्पेशल ओलम्पिक भारत विंटर गेम्स ट्रेनिंग कैम्प की हुई शुरुआत
2020-2021 में स्वीडन में होने वाले स्पेशल ओलम्पिक गेम्स के लिए बच्चो को दी जा रही है ट्रेनिंग
देश के सात राज्यों से लगभग 150 स्पेशल (दिव्यांग) बच्चो को दी जा रही है ट्रेनिंग
स्पेशल ओलम्पिक भारत विंटर गेम्स के डायरेक्टर ने ट्रेनिंग कैम्प की कि शुरुआत
ट्रेनिंग के नाम पर की जा रही खानापूर्ती
स्पेशल (दिव्यांग) बच्चो को बिना सेफ्टी किट के दी जा रही ट्रैनिग


Body:साइबर सिटी गुरुग्राम के आई-स्केट में स्पेशल ओलम्पिक भारत विंटर गेम्स के द्वारा ट्रैनिग कैम्प की शुरुआत हो गई है | 24 नवंबर से लेकर 29 नवंबर तक छः दिनों तक चलने वाले इस ट्रैनिग कैम्प की शुरुआत डायरेक्टर स्पेशल ओलम्पिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स हरप्रीत सिंह द्वारा की गई | इस ट्रेनिंग कैम्प में देश के 7 राज्यों से सिलेक्ट होकर आये लगभग 150 स्पेशल (दिव्यांग) बच्चे भाग ले रहे है | स्पेशल ओलम्पिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स के डायरेक्टर की माने तो इस ट्रेनिंग कैम्प का मुख्य उद्देश्य संन 2020-2021 में स्वीडन में होने वाले विंटर गेम्स के लिए भारत के स्पेशल बच्चो को तैयार करना है |

बाईट=हरप्रीत सिंह , डायरेक्टर स्पेशल ओलम्पिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स

स्पेशल ओलम्पिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स द्वारा दिव्यांग बच्चो को स्वीडन में होने वाली स्पेशल ओलम्पिक के लिए ट्रेनिंग मात्र खानापूर्ती ही नजर आ रही थी क्योंकि ट्रेनिंग के नाम पर बच्चो को आई-स्केट में तो उतार दिया गया लेकिन उनमे से ज्यादातर बच्चो को सेफ्टी किट भी नहीं दी गई थी जिसके कारण दिव्यांग बच्चे बर्फ पर फिसलकर गिरते नजर आये और उनके पास एल्बो किट , नी किट व् हेड हेलमेट ना होने की वजह से चोटिल होते नजर आये | जब डायरेक्टर महोदय से इस बाबत पूछा गया तो उनका कहना था कि ज्यादातर बच्चे पहले लेवल को क्रॉस कर चुके है |

बाईट=हरप्रीत सिंह , डायरेक्टर स्पेशल ओलम्पिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स
Conclusion:गुरुग्राम में शुरू हुआ यह ट्रेनिंग कैम्प भारत के दिव्यांग बच्चो के लिए वाकई एक अच्छी शुरुआत है लेकिन इनकी सेफ्टी नार्म्स की तरफ ध्यान देना भी अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह बच्चे पहले से दिव्यांग है ऐसे में कोई भी अनहोनी इन बच्चो के लिए भारी पड़ सकती है |
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