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किसान आंदोलन: रोजाना करीब 2 हजार वाहनों पर सिंघु बॉर्डर पहुंच रहे किसान - सिंघु बॉर्डर दो हजार किसान वाहन

जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर हर रोज करीब 1 हजार से लेकर 2 हजार तक वाहनों में सवार होकर किसान पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सिंघु बॉर्डर पर किसानों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है.

daily two thousand vehicles of farmers reaching singhu border
किसान आंदोलन
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Published : Dec 11, 2020, 12:42 PM IST

नई दिल्ली/सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार का संशोधन प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने आंदोलन और भी तेज करने का ऐलान किया है. ऐसे में अगर बात करें सिंघु बॉर्डर की तो यहां हर रोज पहुंचने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हो रहा है. किसान लगातार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं.

रोजाना करीब 2 हजार वाहनों पर सिंघु बॉर्डर पहुंच रहे किसान

जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर हर रोज करीब 1 हजार से लेकर 2 हजार तक वाहनों में सवार होकर किसान पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सिंघु बॉर्डर पर किसानों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है. माना जा रहा है कि किसान बहालगढ़ तक अपना डेरा जमा सकते हैं. बता दें कि सिंघु बॉर्डर से बहालगढ़ की दूरी 20 किलोमीटर के आसपास है. यानी कि आने वाले दिनों में किसान इस 20 किलोमीटर के एरिया में अपना डेरा डाल सकते हैं.

गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं. साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-

  • 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
  • किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
  • 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
  • 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
  • भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
  • 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
  • जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.

ये भी पढ़िए: सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ दर्ज हुई FIR, जानिए क्यों

नई दिल्ली/सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार का संशोधन प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने आंदोलन और भी तेज करने का ऐलान किया है. ऐसे में अगर बात करें सिंघु बॉर्डर की तो यहां हर रोज पहुंचने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हो रहा है. किसान लगातार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं.

रोजाना करीब 2 हजार वाहनों पर सिंघु बॉर्डर पहुंच रहे किसान

जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर हर रोज करीब 1 हजार से लेकर 2 हजार तक वाहनों में सवार होकर किसान पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सिंघु बॉर्डर पर किसानों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है. माना जा रहा है कि किसान बहालगढ़ तक अपना डेरा जमा सकते हैं. बता दें कि सिंघु बॉर्डर से बहालगढ़ की दूरी 20 किलोमीटर के आसपास है. यानी कि आने वाले दिनों में किसान इस 20 किलोमीटर के एरिया में अपना डेरा डाल सकते हैं.

गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं. साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-

  • 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
  • किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
  • 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
  • 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
  • भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
  • 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
  • जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.

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