नई दिल्ली/नूंह: तावडू उपमंडल के जोरासी गांव में कोरोना संदिग्ध ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संदिग्ध शख्स को घर में ही क्वारंटाइन किया था. बता दें कि शख्स का नाम किरोड़ी था, जो 28 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन पर था. आत्महत्या का खुलासा उस समय हुआ, जब स्वास्थ्य विभाग की टीम रूटीन जांच के लिए उसके घर पर पहुंची थी. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. काफी देर बाद स्वास्थ्य विभाग के लिए जिला स्तर की एक टीम ने मृतक के घर को सैनिटाइज किया और उसका सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजा.
पीपीई किट पहने चिकित्सकों ने मृतक का सैंपल लिया. सैंपल लेने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम के बीच शव को उठाने को लेकर विवाद हो गया. जब किसी ने भी शव को नहीं उठाया तो आसपास के ग्रामीणों ने शव को एक निजी गाड़ी में रखवाया. इसके बाद शव नूंह सीएचसी मोर्चरी में भेजा गया.
गुरुग्राम में करता था मजदूरी
हैरत की बात ये है कि घटना के करीब 5 घंटे बाद शव उठाया गया. जोरासी पीएचसी के डॉक्टर कपिल देव ने बताया कि किरोड़ी नाम का ये शख्स गुरुग्राम में मजदूरी करता था. गुरुग्राम से आने के बाद उसे 1 अप्रैल को 28 दिन के लिए होम क्वारंटाइन में रखा गया था. अभी शख्स की रिपोर्ट आना बाकि है.
शव को सीएचसी नूंह गृह में रखा गया
घटना की जानकारी मिलने पर डीएसपी धर्मवीर सिंह मौके पर पहुंचे थे. सिविल सर्जन विरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मृतक किरोड़ी के शव का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने तक सबको शव को सीएचसी नूंह गृह में रखा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव मिली तो शव का अंतिम संस्कार सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार होगा, यदि नेगिटिव आई है तो शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा.