नई दिल्ली/गाजियाबाद: आज विश्व डाक दिवस मनाया जा रहा है. आखिर मॉडर्न युग में कैसे हैं पोस्ट ऑफिसों के हालात और वहां पर किस तरह की सेवाएं वर्तमान में दी जा रही हैं. इसको जानने के लिए ईटीवी भारत ने गाजियाबाद के मुरादनगर पोस्ट ऑफिस की हेड मास्टर पारुल राणा से बातचीत की.
डाक सेवा संचार की सबसे पुरानी विधि के रूप में जानी जाती है. सोशल मीडिया के दौर में भी डाक सेवा बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. संचार के सबसे पुराने साधन के रूप में डाक पद्धति को जाना जाता है. हालांकि वर्तमान में भले ही संचार के नए साधन उपलब्ध हैं, लेकिन संचार पद्धति के लिए यह लोगों को उस समय की याद दिलाता है. जब लोग पत्रों का आदान-प्रदान करते थे. डाक दिवस के रूप में जब लोग संचार के पूराने संसाधनों को याद करते हैं, तो वे यह जानकर सोच में पड़ जाते हैं कि पहले लोगों का जीवन कितना अलग था. कुछ तो अपने यहां चिट्ठी आने या किसी को चिट्ठी लिखने की बातें याद आ जाती हैं. अब कितना कुछ बदला है पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्रों की बिक्री कितनी होती है. आइए जानते है.
पोस्ट ऑफिस की हेड मास्टर पारूल राणा ने बताया कि वह खुद को बहुत अधिक सौभाग्यशाली महसूस करती हैं कि वह इसका हैं. अगर कंपैरिजन किया जाए, तो अन्य सेवाओं के मुकाबले पोस्ट ऑफिस की सेवाएं बहुत अधिक अच्छी हैं. हालांकि, सोशल मीडिया के बाद अब पोस्ट ऑफिस में बहुत अधिक बदलाव आया है, लेकिन बैंकों जैसी सेवाएं अब पोस्ट ऑफिस में भी उपलब्ध हैं. नेट बैंकिंग यूपीआई मनी ट्रांसफर जैसी तमाम सेवाएं पोस्ट ऑफिसों में दी जाती हैं.
उन्होंने बताया कि बुजुर्ग अभी भी मनी ट्रांसफर के लिए पोस्ट ऑफिस का इस्तेमाल करते हैं. इस काम के लिए यहां पर किसी भी प्रकार की कठिन डाक्यूमेंट्स फॉर्मेलिटीज नहीं की जाती हैं. इसके साथ ही उनके पोस्ट ऑफिस से 1 महीने में करीब 500 से अधिक टिकटों की बिक्री होती है. पोस्ट ऑफिस के ग्राहक राजमणि ने बताया कि वह करीब 20 सालों से पोस्ट ऑफिस से जुड़े हुए है. पोस्ट ऑफिस की बहुत अच्छी सर्विस है.