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गाजियाबाद: आसमान से बरसी आफत, तालाब में बदला गौशाला अंडरपास

गाजियाबाद के विजयनगर जाने के लिए उपयोग होने वाला गौशाला अंडरपास कुछ घंटे की भारी बारिश के बाद तालाब में बदल गया है. इसके साथ ही इस कारण वाहनों और पैदल चलने वाले लोगों की आवाजाही भी पूरी तरीके से बंद हो गई है.

water logging at gaushala underpass due to heavy rainfall in ghaziabad
गौशाला अंडरपास में जलभराव के कारण बंद आवाजाही
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Published : Aug 19, 2020, 1:38 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: विजयनगर जाने के लिए गोशाला अंडरपास का इस्तेमाल करना पड़ता है लेकिन सुबह से हो रही बारिश की वजह से गौशाला अंडरपास उफान लेते हुए तालाब में तब्दील हो गया है. वाहनों की आवाजाही के साथ-साथ यहां से पैदल आवाजाही भी बंद हो गई है. हर बार गोशाला अंडरपास का यही हाल होता है लेकिन नगर निगम की नींद नहीं टूटती है.

गौशाला अंडरपास में जलभराव के कारण बंद आवाजाही
अंडरपास में बने तालाब में तैरते बच्चे

जलभराव के बाद यहां पर कुछ स्थानीय बच्चे तालाब में बदले अंडरपास में तैरते हुए नजर आए. इन बच्चों को रोकने वाला कोई नहीं है, जिससे यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है. कोरोना काल में भी यह लापरवाही काफी भारी पड़ सकती है. बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग गंदे पानी के बीच हो पाना नामुमकिन है. सवाल यह है कि प्रशासन और नगर निगम कहां सो रहा है.


फाटक की दीवार हो रही कमजोर


जिस तरह से फाटक के नीचे अंडरपास में जलभराव होता है. उससे फाटक के नीचे वाली दीवार का हिस्सा भी कमजोर हो सकता है. यहां पर सीलन की वजह से बदबू और गंदगी कई दिनों बाद तक बनी रहती है. इसके अलावा इलाके में इस तरह का तालाब बनने से घरों की नींव को भी खतरा पैदा हो रहा है. सवाल यह है कि क्या नगर निगम या प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: विजयनगर जाने के लिए गोशाला अंडरपास का इस्तेमाल करना पड़ता है लेकिन सुबह से हो रही बारिश की वजह से गौशाला अंडरपास उफान लेते हुए तालाब में तब्दील हो गया है. वाहनों की आवाजाही के साथ-साथ यहां से पैदल आवाजाही भी बंद हो गई है. हर बार गोशाला अंडरपास का यही हाल होता है लेकिन नगर निगम की नींद नहीं टूटती है.

गौशाला अंडरपास में जलभराव के कारण बंद आवाजाही
अंडरपास में बने तालाब में तैरते बच्चे

जलभराव के बाद यहां पर कुछ स्थानीय बच्चे तालाब में बदले अंडरपास में तैरते हुए नजर आए. इन बच्चों को रोकने वाला कोई नहीं है, जिससे यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है. कोरोना काल में भी यह लापरवाही काफी भारी पड़ सकती है. बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग गंदे पानी के बीच हो पाना नामुमकिन है. सवाल यह है कि प्रशासन और नगर निगम कहां सो रहा है.


फाटक की दीवार हो रही कमजोर


जिस तरह से फाटक के नीचे अंडरपास में जलभराव होता है. उससे फाटक के नीचे वाली दीवार का हिस्सा भी कमजोर हो सकता है. यहां पर सीलन की वजह से बदबू और गंदगी कई दिनों बाद तक बनी रहती है. इसके अलावा इलाके में इस तरह का तालाब बनने से घरों की नींव को भी खतरा पैदा हो रहा है. सवाल यह है कि क्या नगर निगम या प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है.

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