नई दिल्ली/गाजियाबाद : मुरादनगर श्मशान घाट हादसे (Muradnagar cremation ground incident) के पीड़ितों ने प्रशासन द्वारा किए गए वादे के अनुसार, सरकारी नौकरी न मिलने और इस हादसे के दोषियों की सख्त सजा की मांग के लिए 29 नवंबर को मुरादनगर नगर पालिका परिषद में धरना प्रदर्शन (Protest on muradnagar municipal council) करने की चेतावनी दी है.
तीन जनवरी को मुरादनगर नगर पालिका परिषद के भ्रष्ट अधिकारियों के कारण उखलारसी श्मशान घाट हादसे में 25 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी और करीब इतने ही लोग घायल हुए थे. उस समय मृतकों के परिजनों ने नेशनल हाईवे जाम करते हुए अपनी मांगेंं रखी थीं. प्रशासन ने उनकी मांगों को मानते हुए अन्य सुविधाओं सहित मृतक के एक परिजन को योग्यतानुसार सरकारी नौकरी (government jobs according to qualification) देने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस हादसे के करीब 1 साल पूरा होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटने पर भी पीड़ितों को सरकारी नौकरी नहीं मिली है. ऐसे में उन्होंने 29 नवंबर को मुरादनगर नगर पालिका परिषद में बच्चों के साथ धरना प्रदर्शन की चेतावनी (Protest warning on muradnagar municipal council) दी है.
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पीड़िता पूजा का कहना है कि मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में 26 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. इसमें 24 महिलाएं विधवा हो गई थीं और दो नौजवानों ने अपनी जान गंवाई थी. प्रशासन द्वारा उस समय किए गए वादों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है. उनको सिर्फ 12 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. उस समय पीड़ितों को एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जोकि अभी तक पूरा नहीं हुआ है. सरकारी नौकरी पाने के लिए श्मशान घाट हादसे की पीड़िता इधर से उधर चक्कर लगा रही है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
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पीड़िता का कहना है कि वह इस हादसे के दोषियों के लिए सजा चाहते हैं. वह चाहे किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हुए या कोई भी अधिकारी हो. उनका कहना है कि अगर उनकी सुनवाई नहीं होती है. तो वह लखनऊ जाकर भी प्रदर्शन करेंगे.
पीड़िता निधि ने बताया कि काफी चक्कर काटने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में वह कल अपने बच्चों के साथ मुरादनगर नगर पालिका परिषद में न्याय पाने के लिए धरना प्रदर्शन करेंगे.
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