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बखरवा अग्निकांड: मुआवजे की जगह पीड़ितों को मिल रहा आश्वासन, तहसील परिसर में दिया धरना - बखरवा अग्निकांड

मोदीनगर के बखरवा अग्निकांड को तकरीबन 2 महीने बीत चुके हैं पर अब तक घायलों और एक मृतक परिवार को मुआवजा नहीं मिला है. मुआवजे की मांग को लेकर वह बार-बार तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

Victims of Bakharwa fire are not getting compensation by UP government in modinagar
पीड़ितों को नहीं मिल रहा मुआवजा
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Published : Sep 2, 2020, 4:50 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे मोदीनगर के बखरवा गांव में 5 जुलाई को अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी. इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा मृतकों और घायल पीड़ित परिवारों को मुआवजा और फ्री इलाज की घोषणा की गई थी. इसमें से 9 मृतकों के परिजनों को मुआवजा मिल चुका है. पर अब तक इस घटना के तकरीबन 2 महीने बीत जाने के बाद भी घायल पीड़ित परिवारों और एक मृतक परिवार को मुआवजा नहीं मिला है.

पीड़ितों को नहीं मिल रहा मुआवजा

इसे लेकर वह बार-बार मोदीनगर तहसील परिसर पर धरना कर रहे हैं. आज फिर मुआवजे की मांग को लेकर बखारवा के पीड़ित परिवारों ने मोदीनगर तहसील परिसर पर धरना प्रदर्शन किया है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने पीड़ित परिवारों से बातचीत की.


मुआवजे की जगह मिल रहा आश्वासन

ईटीवी भारत को समाजसेवी डॉक्टर केपी सिंह ने बताया कि बखरवा अग्निकांड में 9 लोगों की मौत हो गई थी और एक की बाद में अस्पताल में मौत हुई थी. मौके पर पहुंचे गाजियाबाद जिलाधिकारी ने घायल परिवारों को 50-50 हजार और मृतक परिवारों को 4-4 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. जिसमें 9 मृतकों के परिवारों को मुआवजा मिल चुका है लेकिन उस घटना में घायल पीड़ित परिवारों को अब तक 1 रुपया भी नहीं मिला है और ना ही एक मृतक के परिवारों को मुआवजा मिला है.

मुआवजे की मांग को लेकर वह काफी बार तहसील परिसर पर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. उनको बार-बार आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा वह तहसील परिसर से नहीं जाएंगे.

घायलों और एक मृतक परिवार को नहीं मिला मुआवजा

वहीं समाजसेवी अनिल गौतम ने बताया कि मुआवजे की मांग को लेकर उनको बार-बार धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर जब अस्पताल में एक घायल ने दम तोड़ दिया था तो वह लोग उसका अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे. तब उनको जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था कि आप इनका अंतिम संस्कार कर लीजिए. इनका मुआवजा घर पहुंच जाएगा.

उसके बावजूद मृतक के परिवार को मुआवजा नहीं मिला है. उन्होंने मुआवजे की मांग को लेकर 13 अगस्त को भी तहसील परिसर में धरना किया था. इस पर उनको उप जिलाधिकारी द्वारा 10 दिन में मुआवजा देने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया गया था. पर अभी तक किसी भी घायल को और एक मृतक को मुआवजा नहीं मिला है. वह इस मामले को लेकर गाजियाबाद जिलाधिकारी से भी मिले जिस पर उनको लखनऊ फाइल भेजने और जल्द मुआवजा मिलने का हवाला देकर वापस भेज दिया गया.



पहले भी कर चुके हैं धरना


ईटीवी भारत को पीड़ित मीनाक्षी ने बताया कि प्रशासन ने जो घोषणा की थी वह उसको पूरा करें. जब उन्होंने पहले धरना दिया था तो उनको उप जिलाधिकारी ने 10 दिन का आश्वासन दिया था. घायलों ने ब्याज पर पैसे देकर अपना इलाज करवाया है जिसकी वजह से उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. पीड़ित राजवती ने बताया कि वह अपना मुआवजा चाहती हैं. जब तक उनको मुआवजा नही मिलेगा वह तहसील परिसर से नहीं जाएंगी क्योंकि उन्होंने अपना इलाज कर्ज लेकर करवाया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे मोदीनगर के बखरवा गांव में 5 जुलाई को अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी. इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा मृतकों और घायल पीड़ित परिवारों को मुआवजा और फ्री इलाज की घोषणा की गई थी. इसमें से 9 मृतकों के परिजनों को मुआवजा मिल चुका है. पर अब तक इस घटना के तकरीबन 2 महीने बीत जाने के बाद भी घायल पीड़ित परिवारों और एक मृतक परिवार को मुआवजा नहीं मिला है.

पीड़ितों को नहीं मिल रहा मुआवजा

इसे लेकर वह बार-बार मोदीनगर तहसील परिसर पर धरना कर रहे हैं. आज फिर मुआवजे की मांग को लेकर बखारवा के पीड़ित परिवारों ने मोदीनगर तहसील परिसर पर धरना प्रदर्शन किया है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने पीड़ित परिवारों से बातचीत की.


मुआवजे की जगह मिल रहा आश्वासन

ईटीवी भारत को समाजसेवी डॉक्टर केपी सिंह ने बताया कि बखरवा अग्निकांड में 9 लोगों की मौत हो गई थी और एक की बाद में अस्पताल में मौत हुई थी. मौके पर पहुंचे गाजियाबाद जिलाधिकारी ने घायल परिवारों को 50-50 हजार और मृतक परिवारों को 4-4 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. जिसमें 9 मृतकों के परिवारों को मुआवजा मिल चुका है लेकिन उस घटना में घायल पीड़ित परिवारों को अब तक 1 रुपया भी नहीं मिला है और ना ही एक मृतक के परिवारों को मुआवजा मिला है.

मुआवजे की मांग को लेकर वह काफी बार तहसील परिसर पर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. उनको बार-बार आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा वह तहसील परिसर से नहीं जाएंगे.

घायलों और एक मृतक परिवार को नहीं मिला मुआवजा

वहीं समाजसेवी अनिल गौतम ने बताया कि मुआवजे की मांग को लेकर उनको बार-बार धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर जब अस्पताल में एक घायल ने दम तोड़ दिया था तो वह लोग उसका अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे. तब उनको जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था कि आप इनका अंतिम संस्कार कर लीजिए. इनका मुआवजा घर पहुंच जाएगा.

उसके बावजूद मृतक के परिवार को मुआवजा नहीं मिला है. उन्होंने मुआवजे की मांग को लेकर 13 अगस्त को भी तहसील परिसर में धरना किया था. इस पर उनको उप जिलाधिकारी द्वारा 10 दिन में मुआवजा देने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया गया था. पर अभी तक किसी भी घायल को और एक मृतक को मुआवजा नहीं मिला है. वह इस मामले को लेकर गाजियाबाद जिलाधिकारी से भी मिले जिस पर उनको लखनऊ फाइल भेजने और जल्द मुआवजा मिलने का हवाला देकर वापस भेज दिया गया.



पहले भी कर चुके हैं धरना


ईटीवी भारत को पीड़ित मीनाक्षी ने बताया कि प्रशासन ने जो घोषणा की थी वह उसको पूरा करें. जब उन्होंने पहले धरना दिया था तो उनको उप जिलाधिकारी ने 10 दिन का आश्वासन दिया था. घायलों ने ब्याज पर पैसे देकर अपना इलाज करवाया है जिसकी वजह से उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. पीड़ित राजवती ने बताया कि वह अपना मुआवजा चाहती हैं. जब तक उनको मुआवजा नही मिलेगा वह तहसील परिसर से नहीं जाएंगी क्योंकि उन्होंने अपना इलाज कर्ज लेकर करवाया है.

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