ETV Bharat / city

गाजियाबाद: UP की पहली ECMO सुविधा का सांसद वीके सिंह ने किया उद्घाटन

उत्तर प्रदेश के निजी हॉस्पिटल की पहली एकमो (ECMO) सुविधा का उद्घाटन केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वीके सिंह ने किया. जनरल वीके सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों के लिए जीवनदायनी सिद्ध हो चुकी है.

गाजियाबाद
गाजियाबाद
author img

By

Published : Dec 24, 2021, 6:28 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और जहां प्रशासन फिर से कोविड 19 से निपटने के लिए चाक चौबंद हो रहा है. वहीं निजी हॉस्पिटल भी पीछे नहीं हैं. हाल ही में गाजियाबाद में पांच अस्पतालों को कोविड 19 एवं ओमीक्रोन से निपटने के लिए चिह्नित किया गया है. उनमे से ही एक यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (कौशाम्बी) ने उत्तर प्रदेश की पहली एकमो सुविधा का शुभारम्भ कर दिया है.

उत्तर प्रदेश के निजी हॉस्पिटल की पहली एकमो (ECMO) सुविधा का उद्घाटन केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वीके सिंह ने किया. जनरल वीके सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों के लिए जीवनदायनी सिद्ध हो चुकी है. तकनीक एक्स्ट्रा कोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजन (Extracorporeal membrane oxygenation-ECMO) है, जो कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए देश के कुछ गिने चुने हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल की जा रही है और अब यह सुविधा उत्तर प्रदेश के पहले निजी हॉस्पिटल यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (कौशाम्बी) में प्रारम्भ होने जा रही है.

केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने किया उद्घाटन
केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने किया उद्घाटन



उन्होंने कहा कि सरकार भी जल्द ही इस मशीन को लगाने की प्रक्रिया शुरू करेगी. सरकार इस बार कोविड 19 के प्रबंधन में पिछली बार रह गई कमियों को पूरा करने में पूरे जतन से जुटी हुई है और उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज एवं संबद्धित हॉस्पिटल देने की कोशिश की जा रही है. जिससे लोगों को इलाज में सुविधा होगी और देश में जो ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत है वो पूरी होगी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की तुलना लोग भगवान् से करते हैं क्योंकि आदमी जब बीमार पड़ता है उसको डॉक्टर के अंदर ही भगवान दिखता है.

शोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सुविधा होगी शुरू
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सुविधा होगी शुरू

ये भी पढ़ें- नोएडा में 24 घंटे के अंदर आए कोरोना के 11 नए मामले


डॉ. आरके मणि ने बताया कि एकमो मशीन कोविड 19 से बुरी तरह से प्रभावित फेफड़ों के मरीजों के लिए रिकवरी होने तक कृत्रिम फेफड़ों की तरह काम करती है. एकमो प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग ले चुके डॉ. सचिन माहेश्वरी ने कहा कि ईसीएमओ पर मरीज को तभी रखते हैं जब दिल, फेफड़े ठीक से काम नहीं करते हैं और वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं होता. इससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है.

डॉ. सुहास नायर ने कहा कि एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (ईसीएमओ) एक एडवांस तकनीक की यांत्रिक जीवन दायनी (लाइफ सपोर्ट) मशीन है. इस मशीन से अशुद्ध रक्त को शुद्ध (ऑक्सीजनटेड) करके फिर से शरीर में वापस किया जाता है, जिससे रोगी के क्षतिग्रस्त अंग या दिल की गति ठीक हो जाती है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और जहां प्रशासन फिर से कोविड 19 से निपटने के लिए चाक चौबंद हो रहा है. वहीं निजी हॉस्पिटल भी पीछे नहीं हैं. हाल ही में गाजियाबाद में पांच अस्पतालों को कोविड 19 एवं ओमीक्रोन से निपटने के लिए चिह्नित किया गया है. उनमे से ही एक यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (कौशाम्बी) ने उत्तर प्रदेश की पहली एकमो सुविधा का शुभारम्भ कर दिया है.

उत्तर प्रदेश के निजी हॉस्पिटल की पहली एकमो (ECMO) सुविधा का उद्घाटन केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वीके सिंह ने किया. जनरल वीके सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों के लिए जीवनदायनी सिद्ध हो चुकी है. तकनीक एक्स्ट्रा कोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजन (Extracorporeal membrane oxygenation-ECMO) है, जो कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए देश के कुछ गिने चुने हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल की जा रही है और अब यह सुविधा उत्तर प्रदेश के पहले निजी हॉस्पिटल यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (कौशाम्बी) में प्रारम्भ होने जा रही है.

केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने किया उद्घाटन
केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने किया उद्घाटन



उन्होंने कहा कि सरकार भी जल्द ही इस मशीन को लगाने की प्रक्रिया शुरू करेगी. सरकार इस बार कोविड 19 के प्रबंधन में पिछली बार रह गई कमियों को पूरा करने में पूरे जतन से जुटी हुई है और उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज एवं संबद्धित हॉस्पिटल देने की कोशिश की जा रही है. जिससे लोगों को इलाज में सुविधा होगी और देश में जो ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत है वो पूरी होगी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की तुलना लोग भगवान् से करते हैं क्योंकि आदमी जब बीमार पड़ता है उसको डॉक्टर के अंदर ही भगवान दिखता है.

शोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सुविधा होगी शुरू
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सुविधा होगी शुरू

ये भी पढ़ें- नोएडा में 24 घंटे के अंदर आए कोरोना के 11 नए मामले


डॉ. आरके मणि ने बताया कि एकमो मशीन कोविड 19 से बुरी तरह से प्रभावित फेफड़ों के मरीजों के लिए रिकवरी होने तक कृत्रिम फेफड़ों की तरह काम करती है. एकमो प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग ले चुके डॉ. सचिन माहेश्वरी ने कहा कि ईसीएमओ पर मरीज को तभी रखते हैं जब दिल, फेफड़े ठीक से काम नहीं करते हैं और वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं होता. इससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है.

डॉ. सुहास नायर ने कहा कि एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (ईसीएमओ) एक एडवांस तकनीक की यांत्रिक जीवन दायनी (लाइफ सपोर्ट) मशीन है. इस मशीन से अशुद्ध रक्त को शुद्ध (ऑक्सीजनटेड) करके फिर से शरीर में वापस किया जाता है, जिससे रोगी के क्षतिग्रस्त अंग या दिल की गति ठीक हो जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.