नई दिल्ली/गाजियाबाद: शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. आज भी युवा उनके आदर्श और हिम्मत से सीख लेते हैं. आज भी घर-घर में भगत सिंह की देशभक्ति के किस्से सुनाए जाते हैं. 23 मार्च भगत सिंह के साथ सुखदेव और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया. इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है.
शहीदी दिवस पर गाजियाबाद में बजरंग दल द्वारा नवयुग मार्केट स्थित शहीद पथ से घंटाघर तक तिरंगा यात्रा निकाली गई. तिरंगा यात्रा के दौरान भारी संख्या में युवा हाथों में तिरंगा लिए और देशभक्ति के तराने गाते हुए नजर आए. इस दौरान विभिन्न सामाजिक और व्यापार संगठनों के सदस्यों ने शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उनकी महान गाथाओं को याद किया.
विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के महानगर अध्यक्ष नवीन गौतम ने बताया भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में देश भर में शहीदी दिवस मनाया जाता है. शहीदों द्वारा किए गए संघर्ष के कारण ही आज हम आजाद हवा में सांस ले पा रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल द्वारा हर शहर कस्बे में तिरंगा यात्रा निकालकर शहीदी दिवस मनाया गया.