नई दिल्ली/गाजियाबाद: इस बार कोरोना महामारी के बीच हिंदू-मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्यौहार आ रहे हैं. जिनका कोरोना महामारी के चलते रंग फीका पड़ रहा है. ऐसे ही अब चंद दिन बाद हिंदू समुदाय का खास गणेश चतुर्थी का त्यौहार आ रहा है. जिस पर श्रद्धालु भगवान गणेश की मूर्ति खरीद कर उसकी पूजा करते हैं, और गणेश विसर्जन पर उसको गंगा में प्रवाहित कर दिया जाता है. ऐसे में गणेश की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों का रोजगार अच्छा होता है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के दौरान कैसे हैं उनके हालात, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मूर्तिकारों से की खास बातचीत.
कर्जा लेकर बनाई हैं मूर्तियां
ईटीवी भारत को मूर्तिकार लक्ष्मी ने बताया कि वह अब तक 50 से ₹60000 की गणेश की मूर्ति बनाकर रख चुके हैं. अगर वह बिक कर उनकी लागत भी मिल जाएं तो वह भी सही है.
सस्ते दामों पर भी नहीं बिक रही हैं मूर्तियां
मूर्तिकार लक्ष्मी ने बताया कि इस बार उन्होंने पहले के मुकाबले बड़े गणपति ना बनाकर छोटे-छोटे गणपति बनाए हैं. क्योंकि लॉकडाउन के कारण लोगों के पास पैसा नहीं है. लेकिन इस बार यह मूर्तियां भी नहीं बिक पा रही हैं. उन्होंने किसी से उधार पैसे लेकर यह गणपति की मूर्तियां बनाई हैं. इस बार वह पहले के मुकाबले काफी सस्ती मूर्तियां बेचने को तैयार हैं. लेकिन फिर भी मूर्तियां नहीं बिक रही है.