नई दिल्ली/गाजियाबादः देश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें भरसक प्रयास कर रही हैं. ऐसे में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा की है और वैक्सीनेशन प्रक्रिया को और अधिक तेज करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में कुछ लोगों को यह लग रहा है कि योगी सरकार प्रदेश में लॉकडाउन का फैसला भी ले सकती है. तो वहीं कुछ लोग प्रदेश में लॉकडाउन ना लगाकर सरकार को कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सुझाव दे रहे हैं.
शेखर त्यागी का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए सरकार के प्रयासों के साथ-साथ जनता को भी एहतियात बरतनी चाहिए. क्योंकि अगर प्रदेश में लॉकडाउन लगता है, तो उससे मजदूर आदमी बिल्कुल मर ही जाएगा. सरकार को इस समय चाहिए कि जल्द से जल्द अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराते हुए गांवों में डोर टू डोर लोगों को टीका लगवाना जाए.
'वैक्सीनेशन प्रक्रिया में लाई जाए तेजी'
विकास त्यागी का कहना है कि सरकार को वैक्सीन के साथ ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराना चाहिए. उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन ना लगाकर सरकार को कोई और रास्ता खोजना चाहिए.
'अस्पतालों में उपलब्ध हो वेंटिलेटर और ऑक्सीजन'
वहीं लियाकत अली का कहना है कि सरकार को तत्काल प्रभाव से खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों पर रोक लगानी चाहिए. ऑक्सीजन उपलब्ध कराते हुए कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ानी चाहिए.
'खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों पर लगे रोक'
रामनिवास का कहना है कि अस्पतालों में कोरोना वायरस के टीके उपलब्ध नहीं हैं. फिलहाल स्थिति को देखते हुए यूपी सरकार सही काम कर रहे हैं. लेकिन थोड़ी सी लापरवाही यह है कि कोरोना वैक्सीन का टीका जो 45 दिन पहले लगा था. वह फिर से 28 दिन बाद लगना चाहिए था. वह जब टीका लगवाने के लिए अस्पताल गए, तो उनको वैक्सीन खत्म होने का हवाला देते हुए कुछ दिन बाद वापस आने के लिए बोला गया था.
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'लोकल बॉडी को करनी चाहिए मदद'
डॉक्टर विकास त्यागी का कहना है कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन ज्यादा मदद नहीं करेगा. सरकार को पेशेंट की स्थिति के हिसाब से कैटेगरी बना लेनी चाहिए. जो कम बीमार है उसको घर पर ही किट उपलब्ध कराते हुए घर पर ही क्वारंटाइन करना चाहिए.
दूसरी ओर अति गंभीर श्रेणी के मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराते हुए अस्पताल में भर्ती कराते हुए वेंटिलेटर उपलब्ध कराना चाहिए. इसके साथ ही सामाजिक संस्थाओं और हमारे देश की लोकल बॉडी को आगे आकर सरकार को सहयोग करना चाहिए. ऐसे ही समाज बच पाएगा वरना बहुत भयानक स्थिति बन चुकी है.