नई दिल्ली/गाजियाबाद: पश्चिम बंगाल और बिहार में भाजपा की वर्चुअल रैली के बाद से राजनीति गरमा गई है. जहां एक और पश्चिम बंगाल में बांस पर टंगी एलईडी स्क्रीन को लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हार के डर से बिहार में वर्चुअल रैली पर 150 करोड़ खर्च किए हैं. उसके बाद से समाजवादी पार्टी के सभी नेता अपने अपने तरीके से भाजपा पर निशाना साध रहे हैं, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने समाजवादी पार्टी के नेताओं से खास बातचीत की.
'चुनाव आयोग को रैली पर रोक लगानी चाहिए'
ईटीवी भारत से बात करते हुए समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिला सचिव नितिन त्यागी ने बताया कि इस वक्त हमारा देश महामारी से गुजर रहा है. ऐसे में रैली की कोई जरूरत नहीं थी. इस वक्त सभी का ध्यान इस चीज पर होना चाहिए कि हम इस बीमारी से कैसे लड़े, लेकिन भाजपा के लोगों का ध्यान चुनाव लड़ने पर है. वर्चुअल रैली पर खर्च किए गए डेढ़ सौ करोड़ से वह लाॅकडाउन के कारण परेशान हो रहे गरीब मजदूरों को अच्छी सुविधा उपलब्ध करा सकते थे. लेकिन वह गरीबों की मदद ना करके डेढ़ सौ करोड़ चुनाव पर खर्च कर रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग को इन रैली पर रोक लगानी चाहिए.
'भाजपा को कुर्सी का लालच'
ईटीवी भारत से बात करते हुए समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष विकास यादव ने बताया कि सरकार को ऐसे हालात में प्रवासी मजदूरों के खाने और उनके जाने की बेहतर व्यवस्था की ओर देखना चाहिए था, लेकिन भाजपा का ध्यान कुर्सी की ओर चल रहा है. भाजपा को देश हित के लिए काम करना चाहिए, लेकिन यह अपने हित के लिए काम कर रहे हैं.