ETV Bharat / city

Rapid Rail Project : दुहाई डिपो में लगाई गई सोलाट्यूब लाइटिंग, जानें क्या है इसकी विशेषता !

दुहाई डिपो में बनाई गई आरआरटीएस की प्रशासनिक बिल्डिंग में रौशनी के लिए अत्याधुनिक तकनीक से तैयार सोलाट्यूब डे-लाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है. इस ग्रीन एनर्जी सिस्टम के प्रयोग से दिन में जब तक सूर्य का प्रकाश रहेगा, तब तक बिल्डिंग में बिजली की बचत की जा सकेगी.

Rapid Rail Project
सोलाट्यूब लाइटिंग
author img

By

Published : Jun 18, 2022, 8:10 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के दुहाई डिपो में बनाई गई आरआरटीएस की प्रशासनिक बिल्डिंग में रौशनी के लिए अत्याधुनिक तकनीक से तैयार सोलाट्यूब डे-लाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है. इस ग्रीन एनर्जी सिस्टम के प्रयोग से दिन में जब तक सूर्य का प्रकाश रहेगा, तब तक बिल्डिंग में बिजली की बचत की जा सकेगी. सोलाट्यूब डे-लाइटिंग सिस्टम प्रशासनिक बिल्डिंग की सबसे ऊपर वाली तीसरी मंजिल में लगाया गया है. इस मंजिल में वर्किंग डेस्क, कॉरिडॉर, कॉमन एरिया और वाशरूम आदि में कुल लगभग 30 सोलाट्यूब डे-लाइट लगाई जा रही हैं.

इस सिस्टम की खासियत यह है कि यह सूरज के प्रकाश को ग्लास ट्यूब की मदद से बिल्डिंग में रोशनी फैला देता है. यह सोलर ऊर्जा प्रणाली नहीं है बल्कि यह सिस्टम सूरज के प्रकाश को एक ट्यूब के जरिए सीधा उस एरिया में ट्रांसफर करता है, जहां रोशनी की जरूरत होती है.

डोम (कैप्चर जोन) सूरज से प्रकाश प्राप्त करने वाली गोल आकार की गुंबद जैसी डिवाइस होती है, जिसे खुली छत पर लगाया जाता है. यह सूर्य के प्रकाश को रीसीव करता है. डोम के सपोर्ट के लिए इसके साथ ही फ्लैशर लगाया जाता है, जिसकी मदद से डोम अपनी जगह से नहीं हिलता. इसके बाद प्रकाश रिफलेक्टिव इंफिनिटी ट्यूब में आता है. इस ट्यूब का दूसरा हिस्सा बिल्डिंग के अंदर डिफ्यूजर से कनेक्ट होता है. रिफलेक्टिव इन्फिनिटी ट्यूब डोम से मिलने वाले प्रकाश को डिफ्यूजर तक पहुंचाती है और डिफ्यूजर कमरे या जहां भी इसे लगाया है, वहां रोशनी कर देता है.

Rapid Rail Project
ग्रीन एनर्जी सिस्टम

ये भी पढ़ें : Ghaziabad में मेट्रो के ऊपर दौड़ेगी Rapid Rail, स्टील स्पैन स्थापित

इसके अलावा ग्रीन ऊर्जा के दोहन के लिए आरआरटीएस स्टेशन और डिपो की छत पर सौर पैनल लगाए जाएंगे. एनसीआरटीसी आरआरटीएस सिस्टम के लिए मुख्य रूप से अक्षय और सौर ऊर्जा से मिश्रित ऊर्जा प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है. अभी न्यूनतम 10 मेगावाट सोलर ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा गया है और दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का लगभग 40 प्रतिशत तक नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य है.

स्टेशन व डिपो के अलावा आरआरटीएस के सभी पावर सब-स्टेशनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन), सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, लैंडस्केपिंग, ग्रीन बेल्ट आदि भी विकसित किये जाएंगे. यहां बिजली के सब-स्टेशनों में एलईडी लाइटें होंगी, ए.सी पर्यावरण के अनुकूल होंगे, वेंटिलेशन व नेचुरल हवा के लिए खिड़कियां और अन्य बुनियादी ढांचे निर्मित किए जाएंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के दुहाई डिपो में बनाई गई आरआरटीएस की प्रशासनिक बिल्डिंग में रौशनी के लिए अत्याधुनिक तकनीक से तैयार सोलाट्यूब डे-लाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है. इस ग्रीन एनर्जी सिस्टम के प्रयोग से दिन में जब तक सूर्य का प्रकाश रहेगा, तब तक बिल्डिंग में बिजली की बचत की जा सकेगी. सोलाट्यूब डे-लाइटिंग सिस्टम प्रशासनिक बिल्डिंग की सबसे ऊपर वाली तीसरी मंजिल में लगाया गया है. इस मंजिल में वर्किंग डेस्क, कॉरिडॉर, कॉमन एरिया और वाशरूम आदि में कुल लगभग 30 सोलाट्यूब डे-लाइट लगाई जा रही हैं.

इस सिस्टम की खासियत यह है कि यह सूरज के प्रकाश को ग्लास ट्यूब की मदद से बिल्डिंग में रोशनी फैला देता है. यह सोलर ऊर्जा प्रणाली नहीं है बल्कि यह सिस्टम सूरज के प्रकाश को एक ट्यूब के जरिए सीधा उस एरिया में ट्रांसफर करता है, जहां रोशनी की जरूरत होती है.

डोम (कैप्चर जोन) सूरज से प्रकाश प्राप्त करने वाली गोल आकार की गुंबद जैसी डिवाइस होती है, जिसे खुली छत पर लगाया जाता है. यह सूर्य के प्रकाश को रीसीव करता है. डोम के सपोर्ट के लिए इसके साथ ही फ्लैशर लगाया जाता है, जिसकी मदद से डोम अपनी जगह से नहीं हिलता. इसके बाद प्रकाश रिफलेक्टिव इंफिनिटी ट्यूब में आता है. इस ट्यूब का दूसरा हिस्सा बिल्डिंग के अंदर डिफ्यूजर से कनेक्ट होता है. रिफलेक्टिव इन्फिनिटी ट्यूब डोम से मिलने वाले प्रकाश को डिफ्यूजर तक पहुंचाती है और डिफ्यूजर कमरे या जहां भी इसे लगाया है, वहां रोशनी कर देता है.

Rapid Rail Project
ग्रीन एनर्जी सिस्टम

ये भी पढ़ें : Ghaziabad में मेट्रो के ऊपर दौड़ेगी Rapid Rail, स्टील स्पैन स्थापित

इसके अलावा ग्रीन ऊर्जा के दोहन के लिए आरआरटीएस स्टेशन और डिपो की छत पर सौर पैनल लगाए जाएंगे. एनसीआरटीसी आरआरटीएस सिस्टम के लिए मुख्य रूप से अक्षय और सौर ऊर्जा से मिश्रित ऊर्जा प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है. अभी न्यूनतम 10 मेगावाट सोलर ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा गया है और दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का लगभग 40 प्रतिशत तक नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य है.

स्टेशन व डिपो के अलावा आरआरटीएस के सभी पावर सब-स्टेशनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन), सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, लैंडस्केपिंग, ग्रीन बेल्ट आदि भी विकसित किये जाएंगे. यहां बिजली के सब-स्टेशनों में एलईडी लाइटें होंगी, ए.सी पर्यावरण के अनुकूल होंगे, वेंटिलेशन व नेचुरल हवा के लिए खिड़कियां और अन्य बुनियादी ढांचे निर्मित किए जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.