नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद जिला पंचायत के कर्मचारियों द्वारा मुरादनगर ब्लॉक के रावली कस्बे में लगभग 45 लोगों को नोटिस देकर व्यवसायिक रजिस्ट्रेशन कराने और टैक्स देने के लिए नोटिस जारी किया गया है. जिसका गांवों में छोटा-मोटा व्यापार करने वाले और दुकानदारों ने विरोध किया है.
दुकानदारों का कहना है कि कोरोना काल के चलते पहले ही व्यापार नहीं चल रहा है और जो छोटे-छोटे दुकानदारों (रुई धुनने वाला, सब्जी बेचने वाला, ढाबे-खोमचे वाला) के ऊपर भी 15 सौ 15 सौ का टैक्स व रजिस्ट्रेशन के लिए नोटिस जिला पंचायत गाजियाबाद द्वारा जारी किया गया है. जिसका सभी ने वार्ड के जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विकास यादव से शिकायत की, जिसका संज्ञान लेते हुए जिला पंचायत प्रतिनिधि ने सभी दुकानदारों के साथ मिलकर मुरादनगर ब्लॉक में कर अधिकारी का घेरवा किया. जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विकास यादव और दुकानदारों ने जमीन पर बैठकर टैक्स जमा करने का विरोध किया है.
ये भी पढ़ें: 12 साल के बेटे को ढूंढने के लिए दर-दर भटक रही है मां
मुरादनगर ब्लॉक के रावली कला गांव निवासी दुकानदार अकील ने बताया कि उनकी दस सालों से जाली, गेट बनाने की दुकान बंद है. इसके बावजूद उनको जिला पंचायत द्वारा तीन हजार रुपये का टैक्स भेजा गया है. खाने का ढाबा चलाने वाले मोहम्मद शहजाद का आरोप है कि वह पहले भी कई बार टैक्स जमा कर चुके हैं. थक कर उन्होंने अपना ढाबा बंद कर दिया था. लेकिन दो साल पहले उन्होंने फिर से ढाबा शुरू किया है और अब उनको 15 सौ रुपये की टैक्स जमा करने की स्लीप भेज दी गई है.
रावली गांव निवासी कुलदीप त्यागी का कहना है कि इन छोटे दुकानदारों को 15 सौ रुपये का मात्र रजिस्ट्रेशन शुल्क भेजा गया है. टैक्स कितना है यह मालूम नहीं है. उनका आरोप है कि जिला पंचायत में साफ तौर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. सुविधाओं के नाम पर जिला पंचायत शुन्य है. दुकानदारों के लिए किसी स्तर पर काम नहीं किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: गौतमबुद्धनगर में दो अलग-अलग स्थानों पर तीन बच्चों की मौत
जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विकास यादव का कहना है कि जिला पंचायत कर्मचारियों ने काफी सारे गांव में नोटिस दिए हैं. रावली गांव में लगभग 45 दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है. उनका आरोप है कि दुकानदारों की वार्षिक आय 50 हजार रुपये बताकर उनको 15-15 सौ रुपये के टैक्स नोटिस जारी किए गए हैं. उन्होंने जिला पंचायत पर दुकानदारों का शोषण करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जब तक टैक्स प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती जाएगी और इस तरह की कालाबाजारी बंद नहीं की जाएगी क्षेत्र में से जिला पंचायत को कोई भी टैक्स जमा नहीं किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इसकी तत्काल शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी और अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गाजियाबाद अशरफ अली को भी की गई है. जिन्होंने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ जांच कराकर सस्पेंशन और छोटे-छोटे टैक्स की श्रेणी में नही आने वाले दुकानदारों के खिलाफ कोई भी टैक्स ना लगाने के का आश्वासन दिया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप