नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने किसानों की मौत पर आर्थिक मदद से जुड़े एक सवाल पर कहा है कि सरकार के पास कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है. केंद्र ने कहा है कि सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसलिए आर्थिक मदद का सवाल ही नहीं उठता. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने संसद में सरकार की प्रतिक्रिया की निंदा की है.
किसान मोर्चा ने अपने एक बयान में चल रहे किसान आंदोलन में 689 से अधिक शहीदों के परिजनों को मुआवजा और पुनर्वास की अपनी मांग दोहराई. एसकेएम ने कहा सरकार यह कहकर कि उसके पास किसी भी विरोध कर रहे किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है, किसानों के भारी बलिदान का अपमान कर रही है.
एसकेएम ने बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली के मोर्चों पर अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ किसानों का विरोध स्थलों पर पहुंचना जारी है और संघर्ष जारी रहेगा. अधिक किसान आ रहे हैं ताकि सभी एक साथ विजयी होकर वापस जा सकें. सरकार से अपनी मांगों के लिए किसान संगठन एकजुट हैं और एसकेएम सरकार से सभी आवश्यक विवरणों के साथ औपचारिक संवाद की प्रतीक्षा कर रहा है.
ये भी पढ़ें- राकेश टिकैत ने दिए आंदोलन खत्म होने के संकेत, सुनिए क्या बोले !
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि दिल्ली के आसपास के मोर्चा स्थल पहले की तरह जारी हैं और वास्तव में अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली विरोध स्थलों पर पहुंच रहे हैं. एसकेएम ने सभी किसानों से अपील की कि वे विरोध प्रदर्शन समाप्त होने और लोगों द्वारा मोर्चा खाली करने के बारे में फैलाए जा रहे झूठ पर विश्वास न करें. यह कहना भी सही नहीं है कि एसकेएम के घटक संगठनों के बीच कोई दरार है.