नई दिल्ली/गाजियाबाद: विश्व साइकिल दिवस के मौके पर खबर आई कि देश की 69 साल पुरानी साइकिल कंपनी एटलस ने आर्थिक तंगी के कारण फैक्ट्री में काम रोक दिया है. इससे कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कंपनी का तर्क है कि पिछले कई सालों से वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. साइकिल कंपनी के आर्थिक नुकसान होने के पीछे क्या साइकिल की मांग में आई कमी है, या फिर लाॅकडाउन के कारण साइकिल के कारोबार पर फर्क पड़ा है, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने साइकिल के थोक दुकानदार से खास बातचीत की.
एटलस कंपनी बंद होने के बाद दुकानदार ने ईटीवी से की बात ईटीवी भारत को साइकिल के थोक विक्रेता सुधीर ने बताया कि मेरा मानना है कि बाजार में ग्राहक सबसे ज्यादा एटलस की साइकिल मांगता है. यह एटलस कंपनी का निजी कारण होगा कि वह घाटे में जा रहे हैं, उन्होंने खुद यूपी के साइकिल डीलर को एटलस साइकिल का आर्डर दिया है, लेकिन उनका कहना है कि एटलस कंपनी बंद हो गई है. इसलिए माल नहीं मिल पाएगा.एटलस कंपनी बंद होने से होगा नुकसान
इसके साथ ही साइकिल के थोक दुकानदार ने बताया कि बाजार में अभी भी साइकिल की काफी मांग है, क्योंकि लाॅकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों ने काफी साइकिल खरीदी है और अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में आने जाने के लिए साइकिल का काफी क्रेज है. उन्होंने बताया कि उनको बाजार में साइकिल का काम करते हुए 20 साल हो गए हैं और वह मानते हैं कि आज भी बाजार में एटलस की साइकिल का काफी नाम है.
लाॅकडाउन में बड़ी साइकिल की मांग
साइकिल दुकानदार सुधीर का कहना है कि लाॅकडाउन के दौरान साइकिल की मांग में बढ़ोतरी हुई है और अब एटलस कंपनी के बंद हो जाने से ग्राहक दूसरी कंपनी की साइकिल खरीदने पर मजबूर होगा.