नई दिल्ली/गाजियाबाद : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गाजियाबाद की डासना जेल से आजीवन कारावास की सजा काट रहीं तीन महिलाओं को रिहा कर दिया है. जेल में उनके व्यवहार को देखते हुए जेल प्रशासन ने यह फैसला लिया है. इसके अलावा 10 साल और उससे कम की सजा काट रहीं चार अन्य महिलाओं को भी जेल से आजादी मिल गई है.
जेल प्रशासन हर साल स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद सजायाफ्ता कैदियों को उनके व्यवहार और आचरण को देखते हुए शासन के निर्देश पर रिहा करता है. जेल में सजा काट रहे ऐसे कैदी जिनकी सजा पूरी होने वाली होती, सिर्फ उन्हें ही आचरण और व्यवहार की बदौलत रिहा किया जाता है. डासना जेल में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के बाद कैदियों ने सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम भी पेश किए.
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जेल अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि जिन 7 महिलाओं को जेल से रिहा किया गया है, उन्होंने वादा किया कि वे जीवन में हमेशा समाज हित के रास्ते पर चलेंगी. कार्यक्रम के दौरान जेल से रिहा होने वाली सभी महिला कैदियों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गईं. जेल अधीक्षक ने कहा कि आजीवन कारावास की सजा कम नहीं होती, लेकिन जेल से रिहा होने वाली तीनों महिलाओं ने अपने व्यवहार की वजह से अपनी सजा को कम करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि किसी भी अपराध का पश्चाताप व्यक्ति के जीवन में सुधार का सबसे बड़ा जरिया बन सकता है.
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जेल अधीक्षक ने कहा कि जेल की डेकोरेशन से लेकर अंदर हुए स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में कैदियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले कैदियों की प्रतिभा उभर कर सामने आई है. कई कैदियों ने पेंटिंग भी बनाई. जेल का माहौल पूरी तरह से देश भक्ति के रंग में रंगा हुआ दिखाई दिया.