नई दिल्ली/गाजियाबादः दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार को किसान संयुक्त मोर्चा के किसान महापंचायत कर रहे हैं. यह शाम चार बजे तक चलेगी. दिल्ली में धारा 144 लगाए जाने के बाद भी किसानों का प्रदर्शन जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा भी जंतर मंतर पहुंचे और वे एक ज्ञापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपेंगे. वहीं कई किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर फंसे रहे और वे दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाए. गाजीपुर बॉर्डर से लेकर आनंद विहार बॉर्डर और अप्सरा बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाए गए. गाजीपुर बॉर्डर पर कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
किसानों की तीन प्रमुख मांगे हैं, जिसमें एमएसपी, स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट के सुझावों को लागू करने के साथ अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. किसानों के द्वारा आज अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भी सौंपा जाएगा.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए जंतर-मंतर पर सुरक्षा बलों ने पहले से ही वाटर कैनन और बैरिकेड्स लगाए थे. इसके लिए अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती दिल्ली की तरफ से की गई थी. प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली और गाजियाबाद की पुलिस ने आपस में कोऑर्डिनेट किया. वाहन चालकों को मुख्य रूप से गाजीपुर बॉर्डर को अवॉइड करने के लिए कहा गया था. वहीं भारी वाहनों को लेकर भी विशेष एहतियात बरता जा रहा है. पुलिस ने कहा था कि नो एंट्री के समय में अगर किसी भी भारी वाहन ने नियमों का उल्लंघन किया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सुबह से ही कई किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे थे. पुलिस द्वारा किसानों को रोका गया. इसके बाद किसान सड़क पर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. पुलिस द्वारा किसानों को समझाने का काफी प्रयास किया गया. करीब 20 मिनट तक किसान सड़क पर ही बैठे रहे, जिसके चलते ट्रैफिक बाधित हुआ. जाम की समस्या के चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है. 13 महीने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चला. हमारी मांग थी कि तीनों कृषि कानून वापस हो और एमएसपी पर गारंटी कानून बने. कानून वापस हुए लेकिन एमएससी पर अभी भी सरकार किसानों के साथ वादाखिलाफी कर रही है. कानून को वापस हुए तकरीबन नौ महीने होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक एमएसपी को लेकर सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
दिल्ली पुलिस द्वारा बॉर्डर पर रोके जाने के दौरान किसानों ने कहा कि आखिर दिल्ली किसान से इतना डरती क्यों है. हम सरकार से पूछने के लिए दिल्ली जा रहे थे कि एसएमएसपी को लेकर सरकार ने क्या किया. तकरीबन 20 मिनट तक किसान सड़क पर ही बैठे रहे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इसके बाद दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में लिया गया. पुलिस द्वारा किसानों को बस से गाजीपुर बॉर्डर से ले जाया गया. जिसके बाद यातायात व्यवस्था सामान्य हुई.
वहीं, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जंतर-मंतर पर संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की है. पुलिस ने यात्रियों से अनुरोध किया कि वे टॉलस्टॉय मार्ग, संसद मार्ग, जनपथ, आउटर सर्किल कनॉट प्लेस, अशोका रोड, बाबा खड़ग सिंह मार्ग और पंडित पंत मार्ग की तरफ जाने से बचें.
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In view of Sanyukt Kisan Morcha's Mahapanchayat at Jantar Mantar tomorrow, #DelhiTrafficPolice requests commuters to plan their journey in advance and avoid the mentioned roads for convenience. pic.twitter.com/YZ82dP4tbR
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In view of Sanyukt Kisan Morcha's Mahapanchayat at Jantar Mantar tomorrow, #DelhiTrafficPolice requests commuters to plan their journey in advance and avoid the mentioned roads for convenience. pic.twitter.com/YZ82dP4tbR
बता दें पिछले साल एक साल से अधिक समय तक दिल्ली और गाजियाबाद की सीमा पर वाहन चालक काफी परेशानियों का सामना करते थे. किसानों ने एक साल से ज्यादा समय तक धरना प्रदर्शन किया था, जिसके चलते रोजाना लोगों को लंबा सफर तय करना पड़ता था. एक बार फिर से किसान आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है.
लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मामले में इंसाफ से लेकर एमएसपी पर गारंटी को लेकर किसान आज जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि इस प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत की संगठन शामिल नहीं है. कल राकेश टिकैत को दिल्ली जाने से रोक दिया गया था और उन्हें हिरासत में लिया गया था. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था. इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा था कि वह जंतर-मंतर पर सोमवार को होने वाले प्रदर्शन में नहीं जाएंगे.