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गाजियाबाद में दूसरे चरण का कोविड वैक्सीनेशन शुरू, ये बीमारियां हैं तो भी लगेगा टीका

गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया गया. यशोदा अस्पताल के डॉक्टर सुनील डागर ने बताया कि फिलहाल 100 डोज इंजेक्शन अस्पताल के पास उपलब्ध हैं. इस डोज में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जा रहा है.

गाजियाबाद में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण
गाजियाबाद में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण
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Published : Mar 2, 2021, 4:08 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया गया. यशोदा अस्पताल डॉक्टर सुनील डागर ने बताया कि फिलहाल 100 डोज इंजेक्शन अस्पताल के पास उपलब्ध हैं. इस डोज में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. यही नहीं 45 वर्ष से 59 वर्ष की आयु के उन लोगों को भी टीकाकरण किया जा रहा है, जो स्पेसिफिक बीमारी से ग्रसित हैं. टीका लगवाने की प्रक्रिया के बारे में भी अस्पताल की तरफ से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई, उनमें भी कॉन्फिडेंस नजर आया.

गाजियाबाद में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण

अस्पताल में किया जा रहा पंजीकरण

अस्पताल की तरफ से बताया गया कि जिन लोगों को पंजीकरण में दिक्कत आ रही है, उनका पंजीकरण अस्पताल में ही करवाया जा रहा है. 45 से 59 वर्ष के लोगों के लिए कोमोरबिडिटी सर्टिफिकेट जरूरी होगा. यह एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा जारी किया जाता है. इसके साथ ही पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड की आवश्यकता भी पड़ेगी. प्राइवेट अस्पताल में ही टीका 250 रुपये प्रति इंजेक्शन के रूप में लगाया जा रहा है.

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इन बीमारियों से ग्रसित 45 से 59 वर्ष की आयु वालों को लग रहा टीका

1- पिछले एक वर्ष में यदि अस्पताल में हार्ट फेल की वजह से भर्ती हुए हैं.

2. कार्डियक ट्रांसप्लांट हुआ हो या लेफ्ट वेंट्रिकुलर एसिस्ट डिवाइस लगाई गई हो.

3. हर्ट का लेफ्ट वेंट्रिकुलर सिस्टोलिक डिस्फंक्शन हो या हृदय का एलवीएफ 40% से कम हो.

4. मध्यम या गंभीर हर्ट की वॉल्व की बीमारी.

5. जन्म से हर्ट रोग जो गंभीर पीएएच या इडियोपेथिक पीएएच के लक्षण के साथ हो.

6. हर्ट की धमनियों की बीमारी, जिसमें मरीज की बाईपास सर्जरी या एंजियोप्लास्टी हुई हो अथवा मरीज को हृदयाघात हुआ हो और वह मरीज उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह का डॉक्टर से इलाज ले रहा हो.

7. ऐसे मरीज जिनको एनजाइना या हृदय का दर्द रहता हो और साथ ही उनका उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह का भी इलाज चल रहा हो.

8. मानसिक पक्षाघात के ऐसे मरीज जिनका सीटी स्कैन या MRI में पक्षाघात का निदान हुआ हो एवं साथ ही उनका उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह का इलाज चल रहा हो.

9. ऐसे मरीज जिन्हें पलमोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन की बीमारी हो एवं साथ ही उनका उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह का इलाज चल रहा हो.

10. ऐसे मरीज जिसका 10 साल से अधिक से उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह का इलाज चल रहा हो.

11. ऐसे मरीज जिनका किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, हेमेटोपोटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट हो चुका हो अथवा मूवी प्रतीक्षा सूची में हो.

12. ऐसे मरीज जिन्हें किडनी की गंभीर बीमारी हो एवं इंड स्टेज किडनी डिजीज हो और वह डायलिसिस पर हो या उन्हें सीएपीडी हो.

13. ऐसे मरीज जिन्हें लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या इम्यूनोसपरेसेंट मेडिसिन दी जा रही हो.

14. ऐसे मरीज जिन्हें डीकंपनसेटेड सिरोसिस हो.

15. ऐसे मरीज जिन्हें पिछले 2 साल में गंभीर रेस्पिरेट्री डिजीज या सांस एवं फेफड़े संबंधी बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो और जिनका fev1 50% से कम हो.

16. लिंफोमा, ल्यूकेमिया या मायलोमा के मरीज.

17. ऐसे मरीज जिनमें किसी भी प्रकार के सॉलिड कैंसर का निदान 1 जुलाई 2020 या उससे पहले हो चुका है अथवा वे अभी कैंसर का इलाज करा रहे हैं.

18. सिकल सेल डिजीज अथवा बोन मैरो फेलर, एप्लास्टिक एनीमिया या थैलेसीमिया मेजर बीमारी से ग्रस्त मरीज.

19. प्राइमरी इम्यूनो डिफिशिएंसी डिजीज या एचआईवी इनफेक्शन

20. ऐसे व्यक्ति जिनको निम्न बीमारियों की वजह से विकलांगता है.

  • इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी
  • मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
  • एसिड अटैक की वजह से फेफड़ों की बीमारी
  • ऐसे विकलांग व्यक्ति जिन्हें अत्यधिक सहायता की निर्भरता है
  • कई प्रकार की विकलांगताएं, जिसमें बहरापन एवं अंधापन भी शामिल है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया गया. यशोदा अस्पताल डॉक्टर सुनील डागर ने बताया कि फिलहाल 100 डोज इंजेक्शन अस्पताल के पास उपलब्ध हैं. इस डोज में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. यही नहीं 45 वर्ष से 59 वर्ष की आयु के उन लोगों को भी टीकाकरण किया जा रहा है, जो स्पेसिफिक बीमारी से ग्रसित हैं. टीका लगवाने की प्रक्रिया के बारे में भी अस्पताल की तरफ से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई, उनमें भी कॉन्फिडेंस नजर आया.

गाजियाबाद में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण

अस्पताल में किया जा रहा पंजीकरण

अस्पताल की तरफ से बताया गया कि जिन लोगों को पंजीकरण में दिक्कत आ रही है, उनका पंजीकरण अस्पताल में ही करवाया जा रहा है. 45 से 59 वर्ष के लोगों के लिए कोमोरबिडिटी सर्टिफिकेट जरूरी होगा. यह एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा जारी किया जाता है. इसके साथ ही पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड की आवश्यकता भी पड़ेगी. प्राइवेट अस्पताल में ही टीका 250 रुपये प्रति इंजेक्शन के रूप में लगाया जा रहा है.

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इन बीमारियों से ग्रसित 45 से 59 वर्ष की आयु वालों को लग रहा टीका

1- पिछले एक वर्ष में यदि अस्पताल में हार्ट फेल की वजह से भर्ती हुए हैं.

2. कार्डियक ट्रांसप्लांट हुआ हो या लेफ्ट वेंट्रिकुलर एसिस्ट डिवाइस लगाई गई हो.

3. हर्ट का लेफ्ट वेंट्रिकुलर सिस्टोलिक डिस्फंक्शन हो या हृदय का एलवीएफ 40% से कम हो.

4. मध्यम या गंभीर हर्ट की वॉल्व की बीमारी.

5. जन्म से हर्ट रोग जो गंभीर पीएएच या इडियोपेथिक पीएएच के लक्षण के साथ हो.

6. हर्ट की धमनियों की बीमारी, जिसमें मरीज की बाईपास सर्जरी या एंजियोप्लास्टी हुई हो अथवा मरीज को हृदयाघात हुआ हो और वह मरीज उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह का डॉक्टर से इलाज ले रहा हो.

7. ऐसे मरीज जिनको एनजाइना या हृदय का दर्द रहता हो और साथ ही उनका उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह का भी इलाज चल रहा हो.

8. मानसिक पक्षाघात के ऐसे मरीज जिनका सीटी स्कैन या MRI में पक्षाघात का निदान हुआ हो एवं साथ ही उनका उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह का इलाज चल रहा हो.

9. ऐसे मरीज जिन्हें पलमोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन की बीमारी हो एवं साथ ही उनका उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह का इलाज चल रहा हो.

10. ऐसे मरीज जिसका 10 साल से अधिक से उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह का इलाज चल रहा हो.

11. ऐसे मरीज जिनका किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, हेमेटोपोटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट हो चुका हो अथवा मूवी प्रतीक्षा सूची में हो.

12. ऐसे मरीज जिन्हें किडनी की गंभीर बीमारी हो एवं इंड स्टेज किडनी डिजीज हो और वह डायलिसिस पर हो या उन्हें सीएपीडी हो.

13. ऐसे मरीज जिन्हें लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या इम्यूनोसपरेसेंट मेडिसिन दी जा रही हो.

14. ऐसे मरीज जिन्हें डीकंपनसेटेड सिरोसिस हो.

15. ऐसे मरीज जिन्हें पिछले 2 साल में गंभीर रेस्पिरेट्री डिजीज या सांस एवं फेफड़े संबंधी बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो और जिनका fev1 50% से कम हो.

16. लिंफोमा, ल्यूकेमिया या मायलोमा के मरीज.

17. ऐसे मरीज जिनमें किसी भी प्रकार के सॉलिड कैंसर का निदान 1 जुलाई 2020 या उससे पहले हो चुका है अथवा वे अभी कैंसर का इलाज करा रहे हैं.

18. सिकल सेल डिजीज अथवा बोन मैरो फेलर, एप्लास्टिक एनीमिया या थैलेसीमिया मेजर बीमारी से ग्रस्त मरीज.

19. प्राइमरी इम्यूनो डिफिशिएंसी डिजीज या एचआईवी इनफेक्शन

20. ऐसे व्यक्ति जिनको निम्न बीमारियों की वजह से विकलांगता है.

  • इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी
  • मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
  • एसिड अटैक की वजह से फेफड़ों की बीमारी
  • ऐसे विकलांग व्यक्ति जिन्हें अत्यधिक सहायता की निर्भरता है
  • कई प्रकार की विकलांगताएं, जिसमें बहरापन एवं अंधापन भी शामिल है.
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