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"संयुक्त समाज मोर्चा" से संयुक्त किसान मोर्चा का नहीं कोई संबंध: जगतार बाजवा - संयुक्त समाज मोर्चा पंजाब चुनाव लड़ेगा

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल रहे पंजाब के 22 किसान संगठनों ने शनिवार को एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे एक 'राजनीतिक बदलाव' के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव (farmer organization participate in punjab election) लड़ेंगे. वहीं, कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ (sanyukt kissan morcha not participate in ounjab election ) रहा है.

जगतार बाजवा
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Published : Dec 26, 2021, 11:45 AM IST

Updated : Dec 26, 2021, 6:28 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल रहे पंजाब के 22 किसान संगठनों ने शनिवार को एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे एक 'राजनीतिक बदलाव' के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे (farmer organization participate in punjab election). चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की गई. ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. वहीं, कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा (sanyukt kissan morcha not participate in ounjab election ) है.

किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने रविवार को चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया है. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बयान जारी कर कहा है कि चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा.


ये भी पढ़ें-कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बाबासाहेब आंबेडकर के शो को किया गया स्थगित



बाजवा ने कहा संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल जो किसान संगठन या नेता चुनाव में भाग लेते हैं, वह मोर्चे में शामिल रह सकते हैं या नहीं, इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की आगामी राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा.

वहीं भारतीय किसान यूनियन असली (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता हरीश हूण ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पंजाब में जो कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की है, उसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि मोर्चे का नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चे के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा. इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की आगामी राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल रहे पंजाब के 22 किसान संगठनों ने शनिवार को एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे एक 'राजनीतिक बदलाव' के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे (farmer organization participate in punjab election). चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की गई. ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. वहीं, कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा (sanyukt kissan morcha not participate in ounjab election ) है.

किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने रविवार को चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया है. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बयान जारी कर कहा है कि चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा.


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बाजवा ने कहा संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल जो किसान संगठन या नेता चुनाव में भाग लेते हैं, वह मोर्चे में शामिल रह सकते हैं या नहीं, इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की आगामी राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा.

वहीं भारतीय किसान यूनियन असली (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता हरीश हूण ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पंजाब में जो कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की है, उसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि मोर्चे का नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चे के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा. इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की आगामी राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा.

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Last Updated : Dec 26, 2021, 6:28 PM IST

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