नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस पर अपनी राय रखते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला सचिव और वरिष्ठ नेता नितिन त्यागी ने नए कृषि कानून का पुरजोर विरोध किया है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन त्यागी ने बताया कि सरकार ने जो नए कृषि बिल पास किए, ये अब कानून बन चुके हैं. इसमें तीन अध्यादेश हैं. जिसमें पहला एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट 1955 है. इसमें बदलाव किया गया है. पुराने कानून के मुताबिक कोई भी जरूरी सामान जैसे कि आलू, प्याज, दलहन, तेल का भंडारण सीमित मात्रा में ही कर सकता था, लेकिन अब इस पर से रोक हटा दी गई है. अब जो जितना चाहे सामान रख सकता है. नितिन त्यागी का कहना है कि इससे कालाबाजारी बढ़ेगी.
'मजदूर बन जाएंगे किसान'
समाजवादी पार्टी के नेता नितिन त्यागी ने कहा दूसरा अध्यादेश कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के विषय पर लागू किया गया है. जिसके तहत कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके तहत बड़ी-बड़ी कंपनियां खेती करेंगी और किसान उसमें मजदूरी करेंगे. इसमें अध्यादेश के तहत किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर रह जाएंगे. जिसमें कानून के हाथ में अधिकार न देकर मंडी समितियों के हाथों में अधिकार दिया गया है.
'किसानों को होगी मुश्किल'
नितिन त्यागी ने कहा कि तीसरा अध्यादेश एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है. जिसमें पहले सरकार किसानों की फसल का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर तय करती थी. अब नए कानून के आ जाने से किसानों की ताकत पूंजीपतियों के हाथों में आ जाएगी और ऐसे में किसानों के लिए मुश्किल पैदा होगी.