ETV Bharat / city

किसान आंदोलन से हटा राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन, वीएम सिंह बोले- शहीद होने नहीं आया किसान - वीएम सिंह ने की आंदोलन से अलग होने की घोषणा

सरदार वीएम सिंह ने कहा कि यूपी के किसानों की बात सरकार से साथ हुई वार्ता में नहीं रखी गई और अब आंदोलन जिस दिशा में जा रहा है, हम इसके साथ नहीं रह सकते.

वीएम सिंह
वीएम सिंह
author img

By

Published : Jan 27, 2021, 8:16 PM IST

नई दिल्ली: सरदार वीएम सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन से खुद को और अपने संगठन को अलग कर लिया है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी.

आंदोलन से अलग हुआ वीएम सिंह का संगठन


'वार्ता में नहीं उठाया गया MSP का मुद्दा'
वीएम सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन को मजबूती से दिशा दी. सरकार द्वारा वार्ता के लिए जिन किसान नेताओं को दिल्ली बुलाया गया उनका संगठन ने पीछे रहकर पूरा समर्थन दिया और नेताओं को बताया गया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों की मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी को लेकर कानून बनाए लेकिन किसी भी किसान नेता द्वारा वार्ताओं में इस मुद्दे को नहीं उठाया गया.

'सरकार ने नहीं किए सुरक्षा के इंतजाम'
उन्होंने कहा कि लाल किले पर तिरंगे झंडा फहराने के लिए हजारों लोगों ने बलिदान दिया है और 26 जनवरी पर लाल किले पर निशान साहिब को फहराया गया. हर एक सिख को खराब लगा होगा जब निशान साहिब लाल किले पर फहराया गया होगा. सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए वीएम सिंह ने कहा सरकार को मालूम था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपए देने की कई महीने पहले बात की थी. इसमें सरकार की भी गलती है. ऐसे में लाल किले की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सरकार द्वारा क्यों नहीं किये गए.


'किसान शहीद होने नहीं आया है'

वीएम सिंह का कहना था पंजाब सरकार किसानों के आंदोलन का पूरा समर्थन कर रही है. उत्तर प्रदेश से किसान आंदोलन में शामिल हो रहे किसानों पर सरकार द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं लेकिन फिर भी यूपी का किसान अपनी आवाज को उठाने के लिए आंदोलन में पहुंच रहा है. आंदोलन नेताओं पर नहीं मुद्दों पर होता है. कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन इस रूप में नहीं चलेगा. हम यहां पर किसानों को शहीद करवाने और पिटवाने नहीं लेकर आए हैं.

ये भी पढ़ें- गाजीपुर में दर्ज FIR में राकेश टिकैत को भी बनाया गया आरोपी


'वार्ता में नहीं रखी गई यूपी के किसानों की बात'
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की तरफ इशारा करते हुए सरदार वीएम सिंह ने कहा उन लोगों के साथ बैठकर हम आंदोलन नहीं चला सकते जिनकी दिशा अलग हो. राकेश टिकैत केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई वार्ताओं में तो शामिल हुए लेकिन उन्होंने उत्तर प्रदेश के किसानों की बात नहीं रखी. राकेश टिकैत पहले ही साफ कर चुके हैं कि सरदार वीएम सिंह हमसे अलग हैं.

नई दिल्ली: सरदार वीएम सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन से खुद को और अपने संगठन को अलग कर लिया है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी.

आंदोलन से अलग हुआ वीएम सिंह का संगठन


'वार्ता में नहीं उठाया गया MSP का मुद्दा'
वीएम सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन को मजबूती से दिशा दी. सरकार द्वारा वार्ता के लिए जिन किसान नेताओं को दिल्ली बुलाया गया उनका संगठन ने पीछे रहकर पूरा समर्थन दिया और नेताओं को बताया गया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों की मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी को लेकर कानून बनाए लेकिन किसी भी किसान नेता द्वारा वार्ताओं में इस मुद्दे को नहीं उठाया गया.

'सरकार ने नहीं किए सुरक्षा के इंतजाम'
उन्होंने कहा कि लाल किले पर तिरंगे झंडा फहराने के लिए हजारों लोगों ने बलिदान दिया है और 26 जनवरी पर लाल किले पर निशान साहिब को फहराया गया. हर एक सिख को खराब लगा होगा जब निशान साहिब लाल किले पर फहराया गया होगा. सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए वीएम सिंह ने कहा सरकार को मालूम था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपए देने की कई महीने पहले बात की थी. इसमें सरकार की भी गलती है. ऐसे में लाल किले की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सरकार द्वारा क्यों नहीं किये गए.


'किसान शहीद होने नहीं आया है'

वीएम सिंह का कहना था पंजाब सरकार किसानों के आंदोलन का पूरा समर्थन कर रही है. उत्तर प्रदेश से किसान आंदोलन में शामिल हो रहे किसानों पर सरकार द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं लेकिन फिर भी यूपी का किसान अपनी आवाज को उठाने के लिए आंदोलन में पहुंच रहा है. आंदोलन नेताओं पर नहीं मुद्दों पर होता है. कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन इस रूप में नहीं चलेगा. हम यहां पर किसानों को शहीद करवाने और पिटवाने नहीं लेकर आए हैं.

ये भी पढ़ें- गाजीपुर में दर्ज FIR में राकेश टिकैत को भी बनाया गया आरोपी


'वार्ता में नहीं रखी गई यूपी के किसानों की बात'
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की तरफ इशारा करते हुए सरदार वीएम सिंह ने कहा उन लोगों के साथ बैठकर हम आंदोलन नहीं चला सकते जिनकी दिशा अलग हो. राकेश टिकैत केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई वार्ताओं में तो शामिल हुए लेकिन उन्होंने उत्तर प्रदेश के किसानों की बात नहीं रखी. राकेश टिकैत पहले ही साफ कर चुके हैं कि सरदार वीएम सिंह हमसे अलग हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.