नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक बार फिर निजी अस्पतालों की लापरवाही का मामला सामने आया है. निजी अस्पतालों की लापरवाही के चलते इलाज ना मिलने के कारण रिटायर्ड रेलवे कर्मी की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने पत्र लिख गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे से शिकायत की.
![Railway retired worker died](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7646323_photo.jpg)
निजी अस्पताल ने नहीं किया भर्ती
जिलाधिकारी को जितेश शर्मा द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार रविवार को उमेश कुमार को सांस लेने में दिक्कत हुई, जोकि कोविड-19 का लक्षण है. परिवार वालों के द्वारा उनको विजय नगर स्थित निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया. जहां उन्हें देखकर किसी हायर सेंटर से उपचार करने के लिए कहा गया. इसके बाद उनको कौशांबी स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां पर अस्पताल में उनका कुछ जांच व उपचार करने के उपरांत अस्पताल द्वारा उनको भर्ती करने से इंकार कर दिया गया. और कहा गया कि मरीज़ में कोरोना लक्षण हैं, जिसके कारण उनको यहां भर्ती नहीं किया जा सकता है. साथ ही दिल्ली के रेलवे अस्पताल या कहीं और ले जाने का सुझाव देकर अपना पल्ला झाड़ लिया गया. परिजनों ने मरीज को केवल रात भर के लिए भर्ती करने का अनुरोध किया, लेकिन अस्पताल ने एक नहीं सुनी. जिसके बाद परिजन निराश होकर मरीज को घर ले आए.
इस कारण हुई मरीज की मौत
सोमवार सुबह मरीज के परिजन उनको नंदग्राम के एक निजी अस्पताल ले गए जहां उनको भर्ती नहीं किया गया. इसके बाद दूसरे अस्पताल का दरवाजा परिजनों ने खटखटाया लेकिन वहां भी डॉक्टर उपलब्ध ना होने की बात कहकर वापस भेज दिया गया. परिजन निराश होकर मरीज को दूसरे निजी अस्पताल में ले गए, जहां इमरजेंसी में थोड़ी देर रखने के बाद उनको भर्ती करने से इनकार करते हुए जिला चिकित्सालय एमएमजी भेज दिया गया. अस्पताल पहुंचते ही सांस लेने में दिक्कत व ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीज की मृत्यु हो गई.
![Railway retired worker died](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7646323_photo2.jpg)
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
उमेश कुमार के परिजनों ने कई निजी अस्पतालों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. साथ ही परिजनों का कहना है कि कोविड-19 के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की परंतु वहां पर भी संपर्क नहीं हो पाया. मामला जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे के संज्ञान में आया तो जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए. एडीएम और एसीएमओ की संयुक्त टीम को इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई है. जो कि पूरे मामले की जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपेगी.
हालांकि यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी निजी अस्पतालों की लापरवाही सामने आ चुकी है. जिसके चलते गाज़ियाबाद के दो लोगों की उपचार ना मिलने के कारण मौत हो गई थी. जिसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है.